बढ़ती हुई महंगाई पर चिंता प्रकट करते हुए किसी दैनिक समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखें। one page only
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अपना नाम
अपना पता
सेवा में,
संपादक,
दैनिक वीर अर्जुन,
बहादुरशाह ज़फर रोड,
नई दिल्ली।
महोदय,
मैं आपके लोकप्रिय दैनिक समाचार-पत्र के माध्यम से सरकार का ध्यान बढाती हुई महँगाई की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ ताकि इस पर नियंत्रण पाने के कारगर उपाय किए जा सकें। कृपया इस पत्र को अपने समाचार -पत्र में प्रकाशित करने का कष्ट करें।
वर्तमान समय में देश की मध्य एवं निम्न वर्गीय जनता मँहगाई के बोझ तले दबती चली जा रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार का दामों पर कोई नियन्त्रण रह ही नहीं गया है। जीवन उपयोगी सामान्य वस्तुओं के मूल्य निरंतर बढ़ते रहने की एक प्रवृत्ति सी बन गई है।
बच्चों के लिए दूध जुटा पाना सामान्य व्यक्ति की सीमा से बाहर हो गया है। सरकार उपक्रम (मदर डेयरी, डी.एम.एस) भी दाम बढाने में किसी से कम नहीं है। साबून दाले तेल चीनी मसाले आदि की कीमतें निरन्तर बढ़ रही हैं। सरकार के कान पर जूँ नहीं रेंगती। कोई भी मंत्री इस पर चिंता तक प्रकट नहीं करता। लगता है कि यह सब उनकी मिली भगत के परिणामस्वरूप ही हो रहा है।
जनता के सब्र का बाँध टूट रहा है। समय रहते सरकार महँगाई पर काबू पाने के प्रयास करे, अन्यथा स्थिति बेकाबू हो जाएगी।
सधन्यवाद,
भवदीय
उपभोक्ता सहकारी संघ
दिनांक…………
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सेवा में,
संपादक,
दैनिक वीर अर्जुन,
बहादुरशाह ज़फर रोड,
नई दिल्ली।
महोदय,
मैं आपके लोकप्रिय दैनिक समाचार-पत्र के माध्यम से सरकार का ध्यान बढाती हुई महँगाई की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ ताकि इस पर नियंत्रण पाने के कारगर उपाय किए जा सकें। कृपया इस पत्र को अपने समाचार -पत्र में प्रकाशित करने का कष्ट करें।
वर्तमान समय में देश की मध्य एवं निम्न वर्गीय जनता मँहगाई के बोझ तले दबती चली जा रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार का दामों पर कोई नियन्त्रण रह ही नहीं गया है। जीवन उपयोगी सामान्य वस्तुओं के मूल्य निरंतर बढ़ते रहने की एक प्रवृत्ति सी बन गई है।
बच्चों के लिए दूध जुटा पाना सामान्य व्यक्ति की सीमा से बाहर हो गया है। सरकार उपक्रम (मदर डेयरी, डी.एम.एस) भी दाम बढाने में किसी से कम नहीं है। साबून दाले तेल चीनी मसाले आदि की कीमतें निरन्तर बढ़ रही हैं। सरकार के कान पर जूँ नहीं रेंगती। कोई भी मंत्री इस पर चिंता तक प्रकट नहीं करता। लगता है कि यह सब उनकी मिली भगत के परिणामस्वरूप ही हो रहा है।
जनता के सब्र का बाँध टूट रहा है। समय रहते सरकार महँगाई पर काबू पाने के प्रयास करे, अन्यथा स्थिति बेकाबू हो जाएगी।
सधन्यवाद,
भवदीय
उपभोक्ता सहकारी संघ
दिनांक…………