बढ़ती महंगाई गंभीर समस्या पर अनुचछेद
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बढ़ती महंगाई गंभीर समस्या पर अनुचछेद–
आज के समय में देश एक ऐसे कगार पर खड़ा है, जहां एक ओर जनसंख्या वृद्धि की समस्या देश झेल रहा है और वही दूसरी ओर मंहगाई। आजाद होने के बाद से लेकर वर्तमान समय की बात करें तो देश में जनसंख्या तीन गुनी हो चुकी है। जनसंख्या की इस कदर वृद्धि होने से महंगाई की वृद्धि होना जायज है।
- सरकार द्वारा वादे –
सरकार एक तरफ महंगाई को कम करने की बात करती है वही दूसरी तरफ महंगाई दिन-प्रतिदिन बढती जा रही है। आज देश में महंगाई मानो आसमान छू रही हो। कई लोग महंगाई के कारन शहर को छोड़कर अपने गांव बस जाते है क्यूंकि रोज की महंगाई उन्हें शहर में बसने नहीं देती। आज सभी लोग महंगाई को कम करने की मांग कर रही है। परंतु महंगाई देश में साल-दर-साल ऊपर चली जा रही है।
- आवश्यक वस्तुओं हुई महंगी -
कमरतोड़ महंगाई जीवन के लिए आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों में निरन्तर वृद्धि (महंगी) उत्पादन की कमी और माँग की पूर्ति में असमर्थता की परिचायक है। बढ़ती हुई महंगाई जीवन-चालन के लिए अनिवार्य तत्त्वों (कपड़ा, रोटी, मकान) की पूर्ति पए गरीब जनता के पेट पर ईंट बाँधती है, मध्यवर्ग की आवश्यकताओं में कटौती करती है, वही धनिक वर्ग के लिए आय के स्रोत उत्पन्न करती है।
देसी घी तो आँख आँजने को भी मिल जाए तो गनीमत है। वनस्पति देवता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भी बहुत रजत-पुष्प चढ़ाने पड़ते हैं | पेट्रोल, डीजल, मिट्टी के तेल, रसोई गैस की दिन-प्रतिदिन बढ़ती मूल्य-वृद्धि ने दैनिक जीवन पर तेल छिड़ककर उसे भस्म करने का प्रवास किया है। तन ढकने के लिए कपड़ा महंगाई के गज पर सिकुड़ रहा है। सब्जी, फल, दालें और अचार गृहणियों को पुकार-पुकार कर कह रहे हैं - ' रूखी सूखी खाय के ठंडा पानी पिए।' रही मकान की बात, अगर महंगाई की यही स्थिति रही तो लोग जंगल में रहने लगेंगे। दिल्ली की हालत यह है कि दो कमरे-रसोई का सैट तीन-चार हजार रुपये किराये पर भी नहीं मिलता। इतने महंगाई में कैसे गुजरा करेंगे देश के गरीब वर्ग और मध्य वर्ग के लोग।
- कालाबाज़ारी महंगाई बढ़ने की अहम वजह
मंहगाई बढ़ने की कई वजह हो सकती है और उन्ही वजहों में से एक वजह कालाबाजारी भी है। बड़े बड़े व्यापारी और पूंजीपति मौके का फायदा उठाकर पैसे की आड़ में जरूरी चीजों का संग्रहण कर लेते है। नतीजा बाजार से आवश्यक चीजे मिलना बंद हो जाती है। जैसे ही इसकी आपूर्ति होती है, लोग चीजों को दाम बढ़ा कर बेचना शुरू कर देते है। इसी को आम भाषा में कालाबाजारी के नाम से जानते है, जोकि पैसे कमाने के लिए लालची लोग करते है ।
- बढ़ती मंहगाई पर लगाम लगाने के उपाय–
दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओं के बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए। इस दिशा में सरकार को चाहिए की लगातार मूल्य-नियंत्रण पर नजर रखे। ऐसा करने से कालाबाजारी पर कुछ हद तक लगाम लगाई जा सकती है। लेकिन इस दौरान आम लोगो को चाहिए की वह संयम रखे।
- उपसंहार -
अधिक नोट छापने का गुर एवं विदेशी और स्वदेशी ऋण घाटे की खाई को पार करने के सेतु हैं, खाई भरने की विधि नहीं। जब घाटे की खाई भरी नहीं जाएगी, तो मुद्रास्फीति बढ़ती जाएगी। ज्यों-ज्यों मुद्रास्फीति बढ़ेगी, महंगाई छलाँग मार-मार कर आगे कूदेगी। जनता महंगाई की चक्की में और पिसती जाएगी। महंगाई को रोकने के लिए समय-समय पर हड़तालें और आंदोलन चलाये गये हैं लेकिन फिर भी महंगाई कम नही हुए है।
महंगाई की वजह से गरीब लोग पहनने के लिए कपड़े नहीं खरीद पाते हैं तथा अपने परिवार एक वक़्त का खाना ठीक से नहीं करा पाते है। महंगाई को कम करने के लिए उपयोगी राष्ट्र नीति की जरूरत है। जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है उस तरीके से महंगाई को रोकना बहुत ही जरूरी है नहीं तो हमारी आजादी को दुबारा से खतरा उत्पन्न हो जाएगा। हमारी अधिकांश समस्याओं का मूल कारण देश की बढती जनसंख्या है। जब तक जनसंख्या को वश में नहीं किया जा सकता महंगाई कम नहीं होगी। महंगाई की वजह से निम्न वर्ग के लोगों को जरूरत की चीजें नहीं मिल पाती हैं और इससे अपने रोजमरा जीवन में खुशी से जीवन व्यतीत नहीं कर पाते हैं।
Answer:
बढते समय के साथ महंगाई मे भी हर दिन बढत हो रही है। महंगाई को हम कुछ इस प्रकार समझ सकते है जब मूलभूत वस्तुो के दाम आसमान छूने लगते है।
पैसो का मूल्य गिरना और दाम बढने को महंगाई कहा जाता है। महंगाई बढते ही कमाई कम हो जाती है और खर्च बढ जाता है। महंगाई के विरोध मे कई बार प्रदर्शन होते है, रैलिया निकलती है और मार्च निकलते है।
महंगाई बढ़ने के मुख्य कारण
महंगाई हमारे देश मे एक बड़ी और गंभीर समस्या के रूप मे सामने आई है। समय के साथ महंगाई और भ्रष्टाचार के कारण हमारे देश की हालत कुछ ऐसी हो गई है कि अमीर और अमीर होता जा रहा है, गरीब गरीबी के दलदल मे फस रहा है।
कई बार पयार्यवण के कारण भी गरीब आती है अगर फसल के समय कोई आपदा आ जाती है और फसल खराब हो जाती है तो उस परिवार का भरण पोषण रूक जाता है।
बात यह नही है कि हमारे देश मे भोजन नही है, बात कुछ यूं है कि काला बाजारी के चलते भी अकसर दामो मे वृद्धि होती है। देश के कुछ अर्थशास्त्रीयो ने इस विषय पर शोध किया है। कुछ ऐसे अहम बिंदुो पर जांच की जिनके कारण महंगाई का बढना तय किया जाता है।
अर्थशास्त्रीया ने कुछ विषयोे पर जांच की जो कुछ इस प्रकार है – दाम कैसे तय होते है, दाम बढने का कारण क्या है, किस प्रकार से समय समय पर उनका आंकलन होना चाहिए।
महंगाई बढने के कारण नौकरी से मिलने वाली रकम से खर्च चलाना मुश्किल हो जाता है। पिछले एक दशक मे भारत ने और उसकी अर्थव्यवस्था ने बहुत तरक्की की है।
परंतु अभी तक भी गरीब व्यक्ति को वे मूल सुविधाए नही मिली जो चाहिए होती है इसका कारण है महंगाई। हमारे देश मे महंगाई के कई कारण है जैसे कि सरकार का नियंत्रण ना होना, काला बाजारी, आपदाए इत्यादि।
उपसंहार
महंगाई को रोकने के लिए समय-समय पर हड़तालें और आंदोलन चलाये गये हैं लेकिन फिर भी महंगाई कम नहीं हुए है। महंगाई की वजह से गरीब लोग पहनने के लिए कपड़े नहीं खरीद पाते हैं तथा अपने परिवार एक वक़्त का खाना ठीक से नहीं करा पाते है। महंगाई को कम करने के लिए उपयोगी राष्ट्र नीति की जरूरत है। जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है उस तरीके से महंगाई को रोकना बहुत ही जरूरी है नहीं तो हमारी आजादी को दुबारा से खतरा उत्पन्न हो जाएगा। हमारी अधिकांश समस्याओं का मूल कारण देश की बढती जनसंख्या है। जब तक जनसंख्या को वश में नहीं किया जा सकता महंगाई कम नहीं होगी। महंगाई की वजह से निम्न वर्ग के लोगों को जरूरत की चीजें नहीं मिल पाती हैं और इससे अपने रोजमरा जीवन में खुशी से जीवन व्यतीत नहीं कर पाते हैं।
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