History, asked by bshivam0206, 9 months ago

बढ़ती महंगाई का रसोई पर प्रभाव इस विषय पर 15 वाक्य लिखिए​

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Answered by ansh0000001
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Answer:

महंगाई के तड़के ने सांझा चूल्हों का बजट बिगाड़ दिया है। इसके चलते घरों में थाली से सब्जियां दूर सी होने लगी हैं।

लगातार बढ़ती महंगाई से अब सब्जियां भी अछूती नहीं रही हैं। कृषि प्रधान जनपद में सब्जियों के आसमान छूते भाव ने लोगों के होश उड़ा रखे हैं। 60 रुपये प्रति किलो पहुंचा टमाटर इतरा रहा है। सब्जियों के राजा आलू भी 25 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। महंगाई की वजह से स्थिति यह है कि लोग टमाटर से तौबा करने लगे हैं।

बाजार में कोई भी सब्जी सस्ती नहीं हैं। लोगों का कहना है कि पहले 100 रुपये में थैला भरकर सब्जी आ जाती थी और अब 100 रुपये में एक वक्त की सब्जी भी मयस्सर नहीं होती है।

सब्जियों पर महंगाई की मार का असर दुकानदारों पर भी पड़ा है। दुकानदारों का कहना है कि बरसात न होने के कारण सब्जियों की पैदावार पर प्रभाव पड़ा है। कम आवक होने से वे महंगी बिक रही हैं। उम्मीद है कि सर्दियों की फसल बाजार में आने पर महंगाई कम होगी।

सब्जियां और उनके वर्तमान रेट

सब्जियां, रेट (प्रति किलो में)

आलू-25, टमाटर-60, परवल-60, करेला-60, गोभी-80, केला-30, टिंडे-60, मिर्च-50, धनिया-300, शिमला मिर्च-80, मूली-30, प्याज-20।

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