बढ़ती महंगाई पर चिंता प्रकट करते हुए किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए
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मुझे नहीं पता क्या हो रहा है? घर के राशन का सारा सामान- सब्ज़ियां, दालें, गैस सिलिंडर, मसाले... सभी चीज़ें मंहगी हो रही हैं. ऐसे में हम खाएंगे क्या? मैंने सुना है कि हमारे देश में महंगाई बीते छह सालों में सबसे ज़्यादा हो गई है."
40 साल की गृहिणी अमिता तावड़े अकेली महिला नहीं हैं जो बढ़ती महंगाई से परेशान हैं.
इसी सप्ताह जारी सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि दिसंबर 2019 में मुद्रास्फीति यानी महंगाई दर 7.35 फ़ीसदी थी, वो जनवरी 2020 आते-आते 7.59 फ़ीसदी तक पहुंच गई है. वहीं जनवरी 2019 में महंगाई दर 2.05 फ़ीसदी पर थी.
फ़िलहाल अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की बढ़ी क़ीमतें इस स्थिति के लिए ज़िम्मेदार हैं. मई 2014 के बाद से ये पहली बार है जब महंगाई दर सबसे अधिक है और चिंता का विषय बन गई है. मई 2014 में यह 8.3 फ़ीसदी थी.
जानकार ख़ुदरा मूल्य सूचकांक पर भी लगातार नज़र बनाए हुए हैं जो जनवरी में बढ़कर 3.1 प्रतिशत हो गया, जबकि बीते महीने ये 2.59 प्रतिशत था.