Social Sciences, asked by raajvivek961, 3 months ago

bunkar अपने पारंपरिक कार्य को क्यों छोड़ कर जा रहे हैं​

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Answered by shishir303
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¿ बुनकर अपने पारंपरिक कार्य को क्यों छोड़ कर जा रहे हैं​ ?

✎... बुनकर अपना परंपरिक कार्य को छोड़कर इसलिए जा रहे हैं, क्योंकि अब उनके पारंपरिक कार्य में उनकी जीविका चलना कठिन होता जा रहा है। आज इस तकनीकी युग में बड़ी-बड़ी मशीनों द्वारा कपड़ों की फटाफट बुनाई हो जाती है और बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों में निर्मित माल से बाजार पटा पड़ा है। बुनकर अपने सीमित संसाधनों और पूंजी के बल पर इस बड़ी व्यवस्था का सामना नहीं कर पा रहे।

बुनकर अपनी कला के लिए अधिकतर प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर होते हैं, जो तेजी से घटते जा रहे हैं। उनके पास जमा पूंजी की मात्रा भी सीमित होती है। उनके कार्य में श्रम और समय अधिक लगता है, इस कारण उन्हें अपने श्रम और समय की लागत वसूल करने के लिए अपने शिल्प का जो दाम रखना पड़ता है, वो उन्हें अब नही मिल पाता, क्योंकि बड़ी-बड़ी मिलों द्वारा निर्मित वैसा ही वस्त्र कम दाम में उपलब्ध हो जाता है।

तेजी सी विकसित होते मशीनी-तकनीकी युग मे हाथ के शिल्प की वस्तुओं की अब उतनी मांग नही रह गयी। बुनकर बाजार के बड़े खिलाड़ियों का मुकाबला नही कर पा रहे और उनकी कला ठप पड़ती जा रही है। इस कारण उन्हे आजीविका के अन्य विकल्प तलाशने को मजबूर होना पड़ रहा है। यही कारण है कि बुनकर अपने पारंपरिक कार्यों को छोड़कर जा रहे हैं।

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Answered by barani79530
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please mark as best answer and thank

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