Hindi, asked by shauryadhawan46, 5 hours ago

bura jo dekhan mein chala anuched in hindi in 60 to 70 words ​

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Answered by Insanegirl0
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इसका अर्थ यह हैं कि जब मैंने संसार में बुरे अर्थात दुष्ट आत्माओं की खोज की तो अंत में मुझे कोई बुरा नहीं मिला, जब मैंने अपनी अंतरात्मा को अंदर से झिंझोड़ा तो पाया कि इस संसार में मुझसे अधिक बुरा कोई नहीं हैं. इसका आशय यह हैं कि जब व्यक्ति स्वयं को भीतर से साक्षात्कार करवाता है तो उसे यह ज्ञान होता है कि अच्छाई व बुराई अंदर ही निहित होती हैं उसे बाहर खोजने की कोई आवश्यकता नहीं हैं.

मानव स्वभाव से अन्तर्मुखी कम तथा बहिर्मुखी अधिक होता हैं. वह अंदर झाँकने समझने और सुधार करने की बजाय बाहरी दिखावे पर अधिक ध्यान देता हैं. वह लोगों की कमियां निकालने उन्हें बिना मांगे सलाह देने तथा छोटी छोटी कमियों पर उन्हें हीन दिखाने की मानसिकता से ग्रस्त रहता हैं. इसी अहम भाव के चलते वह स्वयं को संसार का सबसे गुणी तथा अन्य लोगों को दीन हीन समझने लगता हैं.

अपने इस स्वभाव के कारण मानव न सिर्फ अपनी चंद खूबियों का बखान करता हैं बल्कि दूसरों की कमियों को ढूंढता रहता हैं ऐसा करके उसे अपार संतुष्टि एवं आत्म सुख मिलता है. कबीर दास ने मानव के इस दोगलेपन को एक दोहे के जरिये प्रस्तुत किया हैं.

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