Bus ki yatra' namak path gadh ki kaun si vidha hai?
Answers
Answered by
0
Answer:
बस की यात्रा पाठ का सारांश बस की यात्रा हरिशंकर परसाई जी द्वारा लिखा गया एक प्रसिद्ध व्यंग है ,जिसमें उन्होंने यातायात की दुर्व्यस्था पर करारा व्यंग किया है। व्यंग के प्रारंभ में लेखक और चार मित्रों के तय किया कि शाम चार बजे की बस से जबलपुर चलें।
Similar questions