Social Sciences, asked by s13279aaaditya02315, 5 hours ago

( C
3.
५.
10.अभिकथन Assertion(A): देवी-देवताओं 1 point
की छवियों की तरह, सम्राटों और नवाबों जैसे
महत्वपूर्ण व्यक्तियों की आकृतियों ने विज्ञापनों और
कैलेंडरों को सजाया|Like the images of
gods and goddesses, figures of
important personages like emperors
and nawabs adorned advertisements
and calendars. कारण Reason (R): यह राष्ट्र
की वैभव और महिमा दिखाने के लिए किया गया
TiThis was done to show the pomp
and glory of the nation. *
ca
5
a) ए और आर दोनों सत्य हैं और आर ए की सही व्याख्या
ei Both A and Rare true and R is the
correct explanation of A.
(b) ए और आर दोनों सत्य हैं और आर ए का सही
व्याख्या नहीं है। BothAand Rare true and Ris
the not correct explanation of A.
6 6.ra
(c) ए सही है लेकिन आर गलत है। A is correct but
R is wrong.
(d) एगलत है लेकिन आर सही है|Als wrong butR​

Answers

Answered by rajeshingle299
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Answer:

whafdjgsjkshsvkkecsjiwgwowofskw

Answered by qwstoke
0

दिए गए प्रश्न का उत्तर निम्नलिखित है

सही विकल्प है (a ) और आर दोनों सत्य हैं और आर ए की सही व्याख्या है

अभिकथन (ए )

देवी देवताओं की छवियों की तरह, सम्राटों और नवाबों जैसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों की आकृतियों ने विज्ञापनों औ व्यक्तियों की आकृतियों ने विज्ञापनों औरकैलेंडरों को सजाया|

कारण (R): यह राष्ट्रकी वैभव और महिमा दिखाने के लिए किया गया

- भारत देश में हमेशा से ही भगवान में आस्था रखी जाती है तथा देवी देवताओं को पूजा जाता है। उनके प्रति अपनी आस्था दिखाने के लिए लोग घरों में देवी देवताओं कि तस्वीरें लगाते हैं।

- भारत एक गौरवशाली देश है, यहां बड़े बड़े नवाब, सम्राट अपने युद्ध कौशल तथा अन्य प्रतिभाओं के लिए प्रसिद्ध है। उनकी आकृतियां तथा तस्वीरें लगाना वैभव का प्रतीक माना जाता है।

- पुराने जमाने में जमींदार अथवा ठेकेदारों की बड़ी बड़ी कोठियां हुआ करती थी, वे अपने दादा - परदादा की बड़ी बड़ी तस्वीरें कोठियों में लगाते थे। इस प्रकार घर की सजावट की जाती थी तथा ऐसा प्रचलन इसलिए था कि लोग उन तस्वीरों को देखकर सम्राट तथा नवाब को याद कर लिया करते थे।

- यह एक प्रेरणा स्त्रोत की तरह भी कार्य करता था, जब भी उन्हें किसी विकेट परिस्थिति का सामना करना होता था तब ये सम्राट, जमींदार अपने पिता, दादा की तस्वीर के आगे खड़े होकर , उनसे बात करके अपनी समस्या का समाधान कर लेते थे। उन्हें लगता कि उनके बड़े बुजुर्ग उनके साथ है।

- उस प्रकार वैभव के साथ ये तस्वीरे एक आस्था का प्रतीक भी माना जाती थी।

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