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5. निम्नलिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए
(क) कई बार यही क्रिया होती है....... आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है।
(ख) बुढ़िया का क्रोध 'स्वाद से भरा हुआ।
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निम्नलिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए
(क) कई बार यही क्रिया होती है आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है।
प्रसंग : यह पंक्तियाँ प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानी ‘ईदगाह’ से ली गई है। इस पंक्तियों में सामूहिक रूप से नमाज़ अदा करने का दृश्य का वर्णन किया गया है |
व्याख्या : नमाज़ अदा करते समय एक साथ असंख्य लोग अपने सिर सिजदे में एक साथ झुकाते है । वह एक साथ खड़े होते है और एक साथ झुक जाते है | सब बार-बार यह क्रिया करते है | क्रिया को देखकर लगता है कि बिजली के बल्ब एक साथ जल रहे और भुज रहे हो | आपस में सबका प्यार और एकता देखकर बहुत अच्छा लगता है | ऐसा प्रतीत होता सभी मानवों की आत्माओं को एकता के धागे में ऐसे पिरो दिया गया है, जैसे माला के धागे में मोती के दाने को।
(ख) बुढ़िया का क्रोध 'स्वाद से भरा हुआ।
प्रसंग : यह पंक्तियाँ प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानी ‘ईदगाह’ से ली गई है। इस पंक्तियों में बुढ़िया अपने पोते हामिद के हाथ में चिमटा देखकर हैरत और शोक में पड़ जाती है। इसका वर्णन किया गया है |
व्याख्या : दादी ने जब हामिद के हाथों में चिमटा देखा और चिमटा लाने का कारण पूछा, तो उसने कहा दादी आपके हाथ रोटी सेकते समय जल जाते है , हाथों को जलने से बचाने के लिए वह चिमटा ले आया। दादी, हामिद की बातें सुनकर भावुक हो गई। यह बात सुनकर उसका सारा गुस्सा जाता रहा और वह स्नेह तथा ममता से भर गई। एक छोटा-सा बच्चा खाने-खिलौने के लालच को छोड़कर उसके लिए एक चिमटा खरीद लाया है।