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शहर में पानी पर मनमानी हो रही है। जिस निगम पर पूरे शहर में पानी सप्लाई का जिम्मा है, उसके अधिकारी अपने लिए तो कैंपर मंगवाते हैं, मगर निगम दफ्तर आने वाले लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों और शहरवासियों से लूट हो रही है। यहां 20 रुपये में पानी की बोतल मिल रही है। सेक्टर-17 और 43 बस स्टैंड पर वाटर कूलर तो हैं, मगर उन्हें ठीक करवाने की कोई जहमत नहीं उठाता। हाल यह है कि गर्मी से झुलसते लोगों को बस स्टैंड पर दुकानदारों की लूट का शिकार होना पड़ रहा है।
इन पर है शहर में वाटर सप्लाई का जिम्मा
निगम कार्यालय में ठंडे पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां पर अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पीने के कैंपर बाहर से आते हैं। नगर निगम की ओर से पानी प्रतिदिन खरीदा जाता है जबकि यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों लोग अपनी शिकायतों को लेकर मेयर और अधिकारियों से मिलने आते हैं लेकिन कहीं पर भी उनके लिए ठंडे पानी की व्यवस्था नहीं है।
पर्यटन स्थलों और बस स्टैंड पर जाना है तो पानी जरूर ले जाएं
सेक्टर-17 स्थित प्लाजा में पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। यहां फव्वारे तो चलते हैं, लेकिन पीने का पानी आपको 20 रुपये की बोतल खर्च कर ही मिलेगा। सेक्टर-42 स्थित न्यू लेक, रोज गार्डन और रॉक गार्डन में भी ऐसे ही हाल हैं। सुखना लेक पर केवल कैंटीन एरिया में पीने के पानी की व्यवस्था है। जबकि इसके अलावा कहीं आपकोे पानी नहीं मिलेगा।
रेलवे स्टेशन पर केवल एक पानी का कूलर
रेलवे स्टेशन पर केवल एक पानी का कूलर प्लेटफार्म नंबर एक के अंतिम छोर पर लगा है, जबकि यात्री पानी के लिए भटकते रहते हैं। लोगों को पानी के कूलर की जानकारी ही नहीं है। अधिकतर यात्रियों को 15 रुपये देकर पानी की बोतल खरीदनी पड़ती है।
बस स्टैंड पर वाटर कूलर खराब
सेक्टर-17 और 43 बस स्टैंड पर वाटर कूलर खराब पडे़ हैं। यहां पर भी यात्रियों की पानी खरीदना पड़ता है। पानी की बोतल यहां पर हर बोतल में पांच रुपये की ओवरचार्जिंग की जाती है।