Hindi, asked by kc049296, 4 months ago

चीफ की दावत कहानी का मूल संवेदना​

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Answered by yadavshikha5499
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चीफ की दावत कहानी का मूल संवेदना

Answered by vikasbarman272
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'चीफ की दावत' मध्यमवर्गीय समाज के परिवेश और मानसिकता को यथार्थ रूप से चित्रित करता है।

  • इस कहानी के लेखक भीष्म साहनी है l
  • इस कहानी के माध्यम से लेखक ने बुजुर्गों की पीड़ा को व्यक्त किया है। आज के दौर में परिवार में किस तरह बुजुर्गों को हाशिए पर धकेला जा रहा है। आधुनिक युग का मध्यवर्गीय व्यक्ति आगे बढ़ने की चाह में दौड़ रहा है और आगे बढ़ने की होड़ में पारिवारिक और सामाजिक संबंधों की बलि चढ़ा रहा है। अर्थ (धन) की लालसा में व्यक्ति संवेदनहीन होता जा रहा है। मशीन और व्यापार के इस युग में मनुष्य भी मशीन बन गया है।
  • शहरों और महानगरों के लोग पारिवारिक मूल्यों का मजाक उड़ाते नजर आते हैं। बड़ों के प्रति असंवेदनशीलता और परंपरा के कारण उनके जीवन में स्नेह, दया, करूणा, सहानुभूति जैसे जीवन के मूल तत्व लुप्त होते जा रहे हैं। खोखली मर्यादा, बाहरी आडम्बर और थोपी हुई नैतिकता के प्रति भीष्म सहनी का दृष्टिकोण व्यंग्यपूर्ण रहा है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य मध्यवर्गीय व्यक्ति की अवसरवादिता, उसकी महत्त्वाकांक्षा में पारिवारिक संबंधों के बिखरतेपन को उजागर करना है।
  • लेखक इस कहानी के माध्यम से स्पष्ट करता है कि आज ऊंचा बनने की चाहत और बेशुमार दौलत पाने की चाह ने इंसान को भीतर से भक्षक बना दिया है।

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