चाह नहीं मैं सुर बाला के गहनों में गूँधा जाऊं चाह नहीं प्रेमी माला में बंध प्यारी को ललचाऊं चाह नहीं सम्राटों के शव पर हे हरि डाला जाऊं चाह नहीं देवों के शिर पर चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊं मुझे तोड़ लेना वन माली उस पथ पर देना तुम फेंक मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जायें वीर अनेक जिस पथ जायें वीर अनेक. पुष्प के लिए यह स्थिति सम्मानजनक है। aakriti purn kijiye
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go with your love ❤❤❤ God bless you my child
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