चाह नहीं में सुरबाला के,
गहनों में गूंथा जाऊँ
चाह नहीं प्रेमी-माला में,
बिंध प्यारी को ललचाऊँ।
चाह नहीं) सम्राटों के शव पर,
हे हरि! मैं डाला जाऊँ
चाह नहीं देवों के शीश पर-
चढूँ, भाग्य पर इठलाऊँ।
मुझे तोड़ लेना वनमाली,
उस पथ में देना तुम फेंक
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने,
जिस पथ जाएँ वीर अनेक।
QUESTION-
नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
(क) फूल क्या-क्या नहीं करना चाहता है?
(ख) फूल का उपयोग हम किन-किन कार्यों में करते हैं?
(ग) पुष्प ने वनमाली से क्या प्रार्थना की है?
(घ) कवि ने वीर किसे कहा है?
NO SPAM OTHERWISE REPORTED!!!
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i -उत्तर (Answer): पुष्प की अभिलाषा सुन्दर स्त्रियों पर सुशोभित होना , प्रेमिकाओं के गले के माला बनना , भगवानों की मूर्तियों पर चढ़ाया जाना और सम्राटों के शव पर डाला जाना नहीं है।
2- Phool ka upyog Ham Anek nake kam main karte Hain.
3- Pushp Ne vanmali se yah Prathna ki ki banmali use Todkar kar Mathrubhumi e per Balidan hone wale veeron ke Rahon Mein Dal De
4- Kabhi Ne Veer sainikon Se Kaha
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1
Answer:
hihihihihihi nice
Srishti here class 11 exam Baad 12 from Jharkhand m 16,, 5sep ko 17
nice to meet you dear
________ SHARIFFLARKI ______
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