चालीचपनीन, मिस्टर बीन, मुल्लाभर
रुददीन,लॉरेल हाडी,प्रीस्ट्रजिज़ जैसे
किसी एक विश्वप्रसिद्ध छस्यकलाकर
के विषय में जानकारी
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चार्ली चैपलिन।
चार्ली चैपलिन जब छोटे थे तब उनके पिता ने उनकी मां को तलाक दे दिया था । उनकी मां दूसरे दर्जे की स्टेज कलाकार थी उनके पास हर वक्त काम भी नहीं होता था और पति द्वारा छोड़े जाने की पीड़ा अंदर ही अंदर उन्हें दुखी कर रही थी। वे पागलपन का शिकार हो गई थी चार्ली को कम उम्र में ही काम करना पड़ा था कि वह मां की दवाइयों का प्रबंध कर सकें और घर का खर्चा चला सकें।चार्ली ने अपनी जीवनी में बताया है कि मां की जगह स्टेज पर काम करने के लिए गए तो उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया पर्दे के पीछे छुप कर स्टेज पर होने वाले कार्यक्रम और दर्शकों को देखा करते थे।
1 दिन उनका बैलेंस बिगड़ गया और वह स्टेज पर ढूंढते हुए आए उन्हें देखकर दर्शक बहुत हंसे।जब स्टेज पर कलाकारों की कमी होती ब्रेक होता यह दर्शकों का मनोरंजन करना होता तो नाटक का मालिक उन्हें स्टेज पर भेजने लगा उसी तरह लुढ़कते स्टेज पर दर्शक हंसते लोटपोट हो तुम्हें देखने के लिए दर्शकों की भीड़ उमड़ने लगी। वह इस तरह चोट खाकर भी मुस्कुराते रहते अपनी मां के लिए दवाई का इंतजाम करते घर खर्च का इंतजाम करते थे।
उनके पिता ने पीछे मुड़कर उन्हें नहीं देखा उन्होंने भयंकर गरीबी का जीवन जिया। उनमें जो जीवन मूल्य आए हैं वह उनके अनुसार उनकी मां की ही देन है एक बार जब वे एक गोदाम जैसे घर में रहते थे तब उनकी मां बहुत बीमार थी और उन्होंने चार्ली को बाइबल पढ़कर सुनाएं जब ईसा मसीह के सुनी चढ़ने का दृश्य है तो मां बेटे दोनों ही रोने लगे करुणा भाव से भर गए और दूसरी घटना बताते हुए चाली कहते हैं कि एक बात जब वह दूसरे घर में रहते थे तो वहां पड़ोस में एक कसाई खाना था उस कसाई खाने में उन्होंने एक बार एक बकरा देखा जो काटने के लिए लाया गया था लेकिन वह कसाई के हाथों से छूट कर भागने लगा। कसाई के लड़के बकरे को पकड़ने भागे और बकरा उनकी पकड़ से छूट कर इधर-उधर भागने लगा जिसके चक्कर में फेल लड़के सड़क पर यहां वहां गिरते रहे लोग इकट्ठे होकर तमाशा देखने लगे।जब बकरे को पकड़ लिया गया तब चाली को समझ में आया कि उसके साथ क्या होने वाला है और वे हंसते-हंसते करुणा से भर कर रोने लगे।
चार्ली इन दोनों घटनाओं को अपने अभिनय का अभिन्न अंग मानते हैं क्योंकि इन्हीं घटनाओं ने उन्हें जीवन में करुणा और हास्य का महत्व समझाया था। और उन्होंने तरुण वह हास्य रस का सामंजस्य अपने अभिनय में प्रस्तुत किया। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के समय को अपने जीवन में बहुत महत्वपूर्ण माना है जिसमें उन्होंने लताड़ था पर भी धैर्य पूर्वक रहकर अपना काम किया उन्होंने अमीर लोगों के दिल की गरीबी को इस दौर में बहुत ही नजदीक से देखा।
चार्ली बाप ने फिल्म निर्माता बने सांसद बने उनके पास पैसे की प्रसिद्धि की कोई कमी नहीं थी फिर भी उन में गर्म नाम की चीज नहीं थी वह गरीबों का सम्मान करते थे क्योंकि उन्होंने गरीबी बहुत नजदीक से देखी थी।
ऐसा कलाकार वास्तव में ही सम्मान के योग्य होता है।