चोल कालीन प्रशासनिक व्यवस्था का वर्णन करें?
Answers
Explanation:
चोल कालीन शासन व्यवस्था राजतंत्रात्मक थी। राजा का पद वंशानुगत व्यवस्था पर आधारित था। राजा के लिए एक मंत्रिपरिषद की व्यवथा थी। राजकीय आदेशों का क्रियान्वयन ' ओलै ' नाम के अतिविशिष्ट अधिकारी किया करते थे।
Answer:
please mark me as brainlist
Explanation:
चोल साम्राज्य दक्षिण भारत का निःसन्देह सबसे शक्तिशाली साम्राज्य था। चोल साम्राज्य का अभ्युदय नौवीं शताब्दी में हुआ और दक्षिण प्रायःद्वीप का अधिकांश भाग इसके अधिकार में था। चोल शासकों ने श्रीलंका पर विजय प्राप्त कर ली थी और मालदीव द्वीपों पर भी इनका अधिकार था। कुछ समय तक इनका प्रभाव कलिंग और तुंगभद्र दोआब पर भी छाया था। इनके पास शक्तिशाली नौसेना थी और ये दक्षिण पूर्वी एशिया में अपना प्रभाव कायम करने में सफल हो सके। अपनी प्रारम्भिक कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने के बाद करीब दो शताब्दियों तक अर्थात बारहवीं ईस्वी के मध्य तक चोल शासकों ने न केवल एक स्थिर प्रशासन दिया , वरन कला और साहित्य को बहुत प्रोत्साहन दिया। कुछ इतिहासकारों का मत है कि चोल काल दक्षिण भारत का ‘ स्वर्ण युग ’ था। इस शोध - पत्र में चोल साम्राज्य के प्रशासनिक ढाँचें का विश्लेषणात्मक अध्ययन किया गया है।
चोल कालीन शासन व्यवस्था राजतंत्रात्मक थी। राजा का पद वंशानुगत व्यवस्था पर आधारित था। राजा के लिए एक मंत्रिपरिषद की व्यवथा थी। राजकीय आदेशों का क्रियान्वयन ' ओलै ' नाम के अतिविशिष्ट अधिकारी किया करते थे।