चालीस हज़ार नहीं, चालीस लाख पर भी असंभव हैं. ' ये किसके कथन हैं ?
क. पंडित अलोपीदीन
ख. मुंशी वंशीधर
ग. बदलू सिंह
घ. मदन सिंह
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चालीस हज़ार नहीं, चालीस लाख पर भी असंभव हैं. ' ये किसके कथन हैं ?
सही जवाब होगा,
(ख) मुंशी वंशीधर
व्याख्या
चालीस हजार नहीं चालीस लाख पर भी असंभव है। यह मुंशी वंशीधर का कथन है। ‘नमक का दरोगा’ कहानी में जब दरोगा मुंशी वंशीधर पंडित की अवैध नमक से भरी गाड़ियां पकड़ लेता है तो पंडित अलोपदीन दरोगा को रिश्वत देकर मामले को रफा-दफा करने के लिए बोलते है। वह दरोगा मुंशी वंशीधर को पहले पच्चीस हजार लेकर निपटारा करने को बोलते हैं। दरोगा मना कर देता है फिर वह तीस हजार फिर चालीस हजार बोलते है। तब दरोगा वंशीधर बोलता है, कि चालीस हज़ार नहीं, चालीस लाख पर भी असंभव है। और फिर अपने सिपाही को अलोपदीन को गिरफ्तार करने का आदेश देता है।
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