चालू संपत्ति और चालू दायित्व में अंतर
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चल संपत्ति या चालू सम्पत्ति वैसे धन को कहते हैं जो निर्धारित ना हो अर्थात जो घटता बढ़ता रहता है। जैसे किसी के पास कुछ नकद पैसे हैं, वो चल सम्पत्ति कहलाएगा।
वह धन जो व्यावसायिक उपक्रम को दूसरों को देना है, दायित्व कहा जाता है ; जैसे लेनदार, देय बिल, ऋण एवं अधिविकर्ष इत्यादि। ... चालू ऋण -चालू ऋण वे ऋण कहलाते हैं जिनका भुगतान अल्प अवधि में किया जाना है। जैसे देय विपत्र, विविध लेनदार, बैंक अधिविकर्ष, अदत्त व्यय आदि।
चालू संपत्ति और चालू दायित्व में अंतर इस प्रकार है :
चालू संपत्ति : चालू संपत्तियां वे संपत्तियां होते हैं, जिनका एक वर्ष की अवधि के अंदर ही उपयोग किया किया जाता है। चालू संपत्ति को अल्प अवधि संपत्ति के रूप में देखा जाता है। यह संपत्ति कुल संपत्ति का एक हिस्सा होती है। इन संपत्ति को तुलन पत्र के दायीं और अलग से दर्शाया जाता है। चालू चालू संपत्ति की गणना तरल व्यवसाय की क्षमता जानने के लिए की जाती है। चालू संपत्ति के उदाहरण में नकद, बैंक बैलेंस, देनदारी तथा कई तरह के अल्पकालिक निवेश आदि शामिल हैं।
चालू दायित्व : चालू दायित्व एक तरह का ऋण होता है, जिसे एक वर्ष के भीतर चुकाया जाना होता है। चालू दायित्व को अल्प अवधि दायित्व के रूप में जाना जाता है। यह दायित्व कुल देनदारी का एक भाग होता है। इस दायित्व को तुलन पत्र के बायीं ओर दर्शाया जाता है। चालू दायित्व की गणना बकारा बकाया राशि को जानने के लिए की जाती है। चालू दायित्व में अल्पकालिक देनदारी और बकाया खर्च आदि शामिल हैं।