चाल उलूसो का गठन कैसे हुआ ?
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¿ ‘चार उलूसों’ का गठन कैसे हुआ ?
➲ चंगेज खाँ ने अपने साम्राज्य विस्तार की प्रक्रिया में अपने द्वारा जीते गए नए-नए प्रदेशों पर शासन करने का उत्तरदायित्व अपने चार पुत्रों को सौंप दिया था, जिसे ❛चार उलूस❜ कहा जाता है। इस तरह ❛चार उलूसों❜ का गठन हुआ।
‘उलूस’ शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है, ‘निश्चित भूभाग नहीं’ । चंगेज खाँ अपने पूरे जीवन काल में अधिक से अधिक साम्राज्य को बढ़ाने में लगा रहता था, इस कारण उसके साम्राज्य की सीमा परिवर्तन बदलती रहती थी। उसने ऐसे प्रदेशों को उलूस नाम दिया।
चंगेज खाँ ने अपने सबसे बड़े पुत्र ‘जोची’ को रूसी स्टेपी प्रदेश दिया, लेकिन उसकी दूरस्थ सीमा यानी उलूस निर्धारित नहीं थी और उसका विस्तार सुदूरपश्चिम तक था।
चंगेज खाँ दूसरे पुत्र ‘चगताई’ को तूरान का स्टेपी क्षेत्र तथा पामीर के पठार का क्षेत्र दिया, जो उसके बड़े पुत्र के प्रदेश से लगा हुआ था। जैसे-जैसे वह पश्चिम की ओर बढ़ता गया वैसे-वैसे उसके प्रदेश की सीमा भी बदलती गई।
चंगेज खाँ ने तीसरे पुत्र को ‘ओगोदेई’ को अपना उत्तराधिकारी बनाया था और चंगेज खाँ ने अपने सबसे छोटे पुत्र ‘तोलोए’ को अपनी पैतृक भूमि मंगोलिया का साम्राज्य प्रदान किया था।
इस तरह चंगेज खाँ ने अपने जीते हुए प्रदेशों और पैतृक संपत्ति आदि संपूर्ण साम्राज्य को अपने चारों पुत्रों में विभाजित कर दिया था और इन प्रदेशों की सीमाएं भी चंगेज खान के साम्राज्य विस्तार के कारण बदलती रहती थीं, इसलिये इन्हें ‘उलूस’ कहा जाता था।
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