चाळ संस्कृति का पार्टीशन होणारे दर्शन स्पष्ट करा
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खाने-पीने के मामले में हमेशा ही लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि गलत खाने की वजह से पेट संबंधी परेशानियां होने लगती हैं। पेट साफ नहीं होता है और जाहिर है कि पेट साफ नहीं होगा तो एसिडिटी, जलन, ऐंठन और खट्टी डकार जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में लोग आराम पाने के लिए दवा या फिर चूर्ण का सहारा लेते हैं, लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो फाइबर से भरपूर होती हैं। अगर आप इन चीजों को रोजाना अपनी डाइट में शामिल करेंगे तो आपको कब्ज की समस्या नहीं होगी। डॉक्टर बताते हैं कि फाइबर से भरपूर चीजों का सेवन करने से कब्ज की समस्या नहीं होती, क्योंकि उसे पचाना आसान होता है। ऐसे में आप कद्दू के भुने हुए बीज का सेवन कर सकते हैं। ये फाइबर से भरपूर होते हैं। साथ ही इसके सेवन से आपका ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहेगा। हर नदी के जल में कुछ खास तरह के पदार्थ घुले रहते हैं जो उसकी विशिष्ट जैविक संरचना के लिए उत्तरदायी होते हैं। ये घुले हुए पदार्थ पानी में कुछ खास तरह के बैक्टीरिया को पनपने देते हैं तो कुछ को नहीं। कुछ खास तरह के बैक्टीरिया ही पानी की सड़न के लिए उत्तरदायी होते हैं तो कुछ पानी में सड़न पैदा करने वाले कीटाणुओं को रोकने में सहायक होते हैं। वैज्ञानिक शोधों से पता चलता है कि गंगा के पानी में भी ऐसे बैक्टीरिया हैं जो गंगा के पानी में सड़न पैदा करने वाले कीटाणुओं को पनपने ही नहीं देते इसलिए गंगा का पानी काफ़ी लंबे समय तक खराब नहीं होता और पवित्र माना जाता है।
हमारा मन भी गंगा के पानी की तरह ही होना चाहिए तभी वह निर्मल माना जाएगा। जिस प्रकार पानी को सड़ने से रोकने के लिए उसमें उपयोगी बैक्टीरिया की उपस्थिति अनिवार्य है उसी प्रकार मन में विचारों के प्रदूषण को रोकनेके लिए सकारात्मक विचारों के निरंतर प्रवाह की भी आवश्यकता है। हम अपने मन को सकारात्मक विचार रूपी बैक्टीरिया द्वारा आप्लावित करके ही गलत विचारों को प्रविष्ट होने से रोक सकते हैं। जब भी कोई नकारात्मक विचार उत्पन्न हो सकारात्मक विचार द्वारा उसे समाप्त कर दीजिए।
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