चुम्बकीय शैथिल्य क्या हैं ?
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लौहचुम्बकीय पदार्थों में चुम्बकीय शैथिल्य (मैग्नेटिक हिस्टेरिसिस) बहुत जानी-पहचानी परिघटना है। जब किसी लौहचुम्बकीय पदार्थ (जैसे सीआरजीओ) के ऊपर कोई वाह्य चुम्बकीय क्षेत्र लगाया जाता है तो इसके आणविक द्विध्रुव स्वयं को उस वाह्य क्षेत्र की दिशा में घुमा लेते हैं। किन्तु उस क्षेत्र को शून्य कर देने के बाद भी इन परमाणविक द्विध्रुओं का कुछ भाग उसी दिशा में बना रहता है। इसी कारण लोहे को चुम्बकित करने के बाद उसका चुम्बकत्व अनन्त काल तक बना रह सकता है। और यदि इसे विचुम्बकित करना हो तो इसके लिये उल्टी दिशा में वाह्य चुम्बकीय क्षेत्र लगाना पड़ता है। चुम्बकीय शैथिल्य एक प्रकार की स्मृति के सदृश है जिसका उपयोग कम्प्यूटर के आरम्भिक दिनों में स्मृति (मेमोरी) के रूप में किया जाता था।
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