Hindi, asked by ritu2372, 5 hours ago

(च)
“मैं खेलते समय सदा इस बात का ध्यान रखता था कि मैं अपने देश के लिए खेल रहा हूँ और हार या
जीत मेरी नहीं बल्कि मेरे देश भारत की है"- ध्यानचंद का यह कथन एक खिलाड़ी के किन गुणों की
ओर संकेत करता है?

Answers

Answered by DakshRaj1234
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Answer:

किसी भी खिलाड़ी की महानता को नापने का सबसे बड़ा पैमाना है कि उसके साथ कितनी किंवदंतियाँ जुड़ी हैं. उस हिसाब से तो मेजर ध्यानचंद का कोई जवाब नहीं है. हॉलैंड में लोगों ने उनकी हॉकी स्टिक तुड़वा कर देखी कि कहीं उसमें चुंबक तो नहीं लगा है.

जापान के लोगों को अंदेशा था कि उन्होंने अपनी स्टिक में गोंद लगा रखी है. हो सकता है कि इनमें से कुछ बातें बढ़ा चढ़ा कर कही गई हों लेकिन अपने ज़माने में इस खिलाड़ी ने किस हद तक अपना लोहा मनवाया होगा इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि वियना के स्पोर्ट्स क्लब में उनकी एक मूर्ति लगाई गई है जिसमें उनके चार हाथ और उनमें चार स्टिकें दिखाई गई हैं, मानों कि वो कोई देवता हों.

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