Hindi, asked by jyotidhanawade1987, 1 day ago

च) मनुष्य के लालच ने पानी के खजाने का क्या हश्र किया? ​

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Answered by payal128282
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Answer:

प्रकृति ने मानव को फल सब्जियां और अनाज दिए जबकि मनुष्य ने ज्यादा जल्दी पाने के लालच में इन वस्तुओं के प्राकृतिक रूप में मिलावट कर उनके असली सौंदर्य और स्वाद को ही खराब कर दिया। प्रकृति ने अपने गर्भ में खनिज लवण और बेशकीमती सोना चांदी और हीरे- जवाहरात दिए। मनुष्य ने इन्हीं सुंदर आभूषणों में बदलकर अपने शारीरिक सौंदर्य को बढ़ाया। धीरे-धीरे मनुष्य स्वार्थी होकर उन्हें बेचकर ज्यादा पैसा कमाने की चाह में ज्यादा खुदाई करने लगा और धरती पर भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ जैसी समस्याएं पैदा हो गई।

मनुष्य ने जंगलों को काट कर हवाई और जमीनी रास्ते तैयार कर एक देश से दूसरे देश में चुटकी बजाते ही पहुंचना संभव कर दिया। कितना समझदार प्राणी है ना मनुष्य ? पर मानव भूल गया कि आविष्कार के साथ अवांछित तत्व भी आते हैं, पर वह उन्हें अनदेखा कर वह केवल आगे बढ़ता गया। इतना आगे निकल गया कि पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी विकिरणों से बचाने वाली ओज़ोन परत में भी छेद हो गया।

मानव का आज तक का सबसे उपयोगी आविष्कार- प्लास्टिक- ने पूरी दुनिया में तहलका मचा रखा है। प्लास्टिक बहुत उपयोगी है पर मनुष्य ने इसके उपयोग के लिए कोई नियम या सीमायें तय नहीं की। जिसकी वजह से धरती प्लास्टिक के तले दब गई है । मनुष्य इससे छुटकारा पाने के उपाय ढूंढने में लगा है।

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