Hindi, asked by pramodrajputst, 9 months ago

चुन्नीलाल मडिया ने साहित्य नो करोड अथवा मार्वेलो हाथों​

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Answered by vanshikaverma7
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Answer:

जैसे जिह्वा के आस्वाद के छह रस प्रसिद्ध हैं उसी प्रकार हृदय के आस्वाद के नौ रस प्रसिद्ध हैं। जिह्वा के आस्वाद को लौकिक आनंद की कोटि में रखा गया है क्योंकि उसका सीधा संबंध लौकिक वस्तुओं से है। हृदय के आस्वाद को अलौकिक आनंद की कोटि में माना जाता है क्योंकि उसका सीधा संबंध हृदय से होता है।

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