चीन और भारत की उभरती अर्थव्यवस्थाओं मैं मौजूदा एकध्रुवीय विश्व व्यवस्था को चुनौती दे सकने की क्षमता है I क्या आप इस कथन से सहमत हैं? अपने तर्कों से अपने विचारों की पुष्टि करें I
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चीन और भारत दोनों एशिया की दो प्राचीन और महान संस्कृति हैं । आर्थिक दृष्टि से देखें तो भारत और चीन विश्व की दो उभरती हुई अर्थव्यवस्था हैं । भारत और चीन विश्व में सबसे तेज गति से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बन रही हैं । विद्वानों का अनुमान है कि आने वाले कुछ वर्षों में चीन की अर्थव्यवस्था अमेरिका की अर्थव्यवस्था से आगे निकल जाएगी और भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती है । 2020 तक भारत और चीन का सकल घरेलू उत्पादन अमेरिका से ज्यादा हो जाएगा । चीन और भारत दोनों के पास अकूत प्राकृतिक एवं मानव संसाधन है । दोनों की आबादी 2 अरब से अधिक है और चीन और भारत विश्व के दो सबसे बड़े बाजार हैं । सैनिक दृष्टि से भी भारत और चीन परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं । विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में दोनों आपसी सहयोग कर अमेरिका और अन्य देशों को चुनौती दे सकते हैं । विश्व व्यापार में भारत का योगदान लगातार बढ़ रहा है । दोनों देश चाहे तो मिलकर अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं तथा जैसे कि विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व व्यापार संगठन आदि में अन्य बड़ी शक्तियों की मनमानी को रोक सकते हैं । इस प्रकार यह माना जा सकता है कि चीन और भारत मिलकर एक साथ आए तो वह विश्व के एकध्रुवीय वर्चस्व को चुनौती दे सकते हैं
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