Hindi, asked by kankit7516, 5 months ago

च) निंदक नियरे राखिये, आंगन कुटी छवाय दोहे में कबीर क्या समझाना चाहते है?​

Answers

Answered by akshattripathi44
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Explanation:

answer

जहां तक मुझे याद है यह दोहा Kabir Das Ji द्वारा लिखा गया है, निंदक नियरे रखिए अर्थात जो आपकी निंदा करता है आप उसे अपने साथ रखिए आगन कुटी छावाय इसका शाब्दिक अर्थ है कि आप उनको अपने घर में रखिए और इसका अर्थ यह है कि आप उनको अपने हृदय के करीब रखें अर्थात आप उनको सुनिए, वो क्या कहना चाहते हैं।

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