चुनाव प्रक्रिया के चरणों के नाम लिखिए
Answers
Answer:
भारत की चुनावी प्रक्रिया में राज्य विधानसभा चुनावों के लिए कम से कम एक महीने का समय लगता है जबकि आम चुनावों के लिए यह अवधि और अधिक बढ़ जाती है। मतदाता सूची का प्रकाशन एक महत्वपूर्ण चुनाव पूर्व प्रक्रिया है और यह भारत में चुनाव के संचालन के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारतीय संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो भारत का नागरिक है और जिसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है, वह मतदाता सूची में एक मतदाता के रूप में शामिल होने के योग्य है यह योग्य मतदाता की जिम्मेदारी है कि वे मतदाता सूची में अपना नाम शामिल कराए। आमतौर पर, उम्मीदवारों के नामांकन की अंतिम तिथि से एक सप्ताह पहले तक मतदाता पंजीकरण के लिए अनुमति दी गई है।
चुनाव के पहले
चुनाव से पहले नामांकन, मतदान और गिनती की तिथियों की घोषणा की जाती है। चुनावों की तिथि की घोषणा के दिन से आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है।
किसी भी पार्टी को चुनाव प्रचार के लिए सरकारी संसाधनों को उपयोग करने की अनुमति नहीं होती है। आचार संहिता के नियमों के अनुसार मतदान के दिन से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार बंद कर दिया जाना चाहिए। भारतीय राज्यों के लिए चुनाव से पहले की गतिविधियां अत्यंत आवश्यक होती हैं। आचार संहिता के अनुसार चुनाव प्रचार के लिए प्रत्याशी १० चौपिहया वाहन ही रख सकता है, जबकि मतदान वाले दिन तीन चौपहिया वाहनों की अनुमति है।
मतदान का दिन
मतदान के दिन से एक दिन पहले चुनाव प्रचार समाप्त हो जाता है। सरकारी स्कूलों और कॉलेजों को मतदान केंद्रों के रूप में चुना जाता है। मतदान कराने की जिम्मेदारी प्रत्येक जिले के जिलाधिकारी की होती है। बहुत से सरकारी कर्मचारियों को मतदान केंद्रों में लगाया जाता है। चुनाव में धोखाधड़ी रोकने के लिए मतदान पेटियों के बजाय इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का प्रयोग अधिक मात्रा में किया जाता है, जो भारत के कुछ भागों में अधिक प्रचलित है। मैसूर पेंट्स और वार्निश लिमिटेड द्वारा तैयार एक अमिट स्याही का प्रयोग आमतौर पर मतदान के संकेत के रूप में मतदाता के बाईं तर्जनी अंगुली पर निशान लगाने के लिए किया जाता है। इस कार्यप्रणाली का उपयोग 1962 के आम चुनाव के बाद से फर्जी मतदान रोकने के लिए किया जा रहा है।
चुनाव के बाद
चुनाव के दिन के बाद, ईवीएम को भारी सुरक्षा के बीच एक मजबूत कमरे में जमा किया जाता है। चुनाव के विभिन्न चरण पूरे होने के बाद, मतों की गिनती का दिन निर्धारित किया जाता है। आमतौर पर वोट की गिनती में कुछ घंटों के भीतर विजेता का पता चल जाता है। सबसे अधिक वोट प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को निर्वाचन क्षेत्र का विजेता घोषित किया जाता है।
सबसे अधिक सीटें प्राप्त करने वाले पार्टी या गठबंधन को राष्ट्रपति द्वारा नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाता है। किसी भी पार्टी या गठबंधन को सदन में वोटों का साधारण बहुमत (न्यूनतम 50%) प्राप्त करके विश्वास मत के दौरान सदन (लोक सभा) में अपना बहुमत साबित करना आवश्यक होता है।
Hope this helps!!
Answer:
उत्तर: भारत में चुनाव प्रक्रिया की निम्नलिखित अवस्थाएं हैं: नंबर 1 चुनाव क्षेत्र निश्चित करना: चुनाव प्रबंध में सर्वप्रथम चुनाव क्षेत्र को निश्चित करना है लोकसभा के जितने सदस्य चुने जाते हैं लगभग समान जनसंख्या वाले उतने ही क्षेत्रों में भारत को बांट दिया जाता है। मतदाताओं की सूची: मतदाता सूचियां तैयार करना चुनाव प्रक्रिया की दूसरी अवस्था है। नंबर तीन :चुनाव तिथि की घोषणा: चुनाव आयोग चुनाव की तिथि की घोषणा करता है चुनाव आयोग नामांकन पत्र की दीदी नाम वापस लेने की तिथि नामांकन पत्रों की जांच पड़ताल की तिथि निश्चित करता है। चार नामांकन पत्र दाखिल करना: मेंबर बनने के इच्छुक नागरिक तिथि के अंदर नामांकन पत्र दाखिल करते हैं। नंबर 5: चुनाव प्रचार: राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए लोकमत को अपने पक्ष में करने के उद्देश्य से जोरदार चुनाव अभियान चलाते हैं।
Explanation:
I hope it's helpful for you