चुनाव सुधार की समीक्षा कीजिये।
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की प्रणाली में करने योग्य उन परिवर्तनों को चुनाव सुधार कहते हैं जिनके करने से जनता की आकांक्षाएँ चुनाव परिणामों के रूप में अधिकाधिक परिणत होने लगें। चुनाव सुधारों में शामिल कुछ चींजें निम्नवत हैं -
मत-पत्र के प्रयोग के बजाय एलेक्ट्रानिक मतदान मशीन द्वारा मतदान
स्वैच्छिक मतदान के बजाय अनिवार्य मतदान
नकारात्मक मत का विकल्प
'किसी को मत नहीं' (नोटा) का विकल्प
चुने हुए प्रतिनिधियों को हटाने या बुलाने की व्यवस्था
मत-गणना की सही विधि का विकास
स्त्रियों एवं निर्बल समूहों के लिए सीटों का आरक्षण
प्रत्याशियों के लिए समुचित आवश्यक योग्यता एवं अर्हताएँ निर्धारित करना
मतदाता के लिए अर्हताओं में परिवर्तन
चुनाव क्षेत्रों का सम्यक निर्धारण
मतदान पत्रों की डिजाइन ऐसी हो जिससे लोगों को समझने एवं खोजने में कठिनाई न हो।
निष्पक्ष निर्वाचन आयोग का सम्यक गठन
चुनाव खर्चों का निर्धारण एवं उस पर नियन्त्रण
चुनाव प्रचार एवं आदर्श चुनाव आचार संहिता का कड़ाई से पालन
मतदाताओं के लिए भयमुक्त वातावरण
घूस देकर, शराब पिलाकर या जबरजस्ती मत डलवाने के विरुद्ध नियन्त्रण
अवैध मतदान पर रोक
चुनाव की ऋतु, दिन एवं समय निर्धारण में सावधानी
जेल से चुनाव लड़ने पर रोक
कोई भी भारतीय अधिकतम 65 साल की आयु तक ही प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री या सांसद या विधायक या पार्षद या सरपंच निर्वाचित हो ।
अगर कोई भी भारतीय एक ही पद (प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री या सांसद या विधायक या पार्षद या सरपंच) पर अधिकतम चार पंचवर्षीय कार्यकाल पूर्ण चुका है तो अगले कार्यकाल के लिये उसकी व उसकी सभी पत्नी व बच्चों की उस पद के लिय दावेदारी स्वतः निरस्त हो जाए तथा वे सभी नामांकन नही भर पाऐं।
Explanation:
चुनाव सुधार की समीक्षा कीजिये।
भारत में समय-समय पर चुनाव सुधार होता रहा है। चुनाव सुधार की प्रक्रिया भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाना हमेशा से चुनाव आयोग के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है। आरंभिक समय में चुनाव प्रणाली में कई खामियां थीं, जिनको समय-समय पर दूर करके चुनाव प्रणाली में सुधार होता रहा है।
1996 से पहले भारत में चुनाव सुधार के तहत मतदान के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई थी।
चुनाव सुधार की दूसरी प्रक्रिया के तहत प्रस्तावको की संख्या और जमानत राशि में भी वृद्धि की गई।
बेहतरीन तरीके से चुनाव कराने के लिए 1998 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ईवीएम की अवधारणा पेश की गई और उसके बाद 2009 से नियमित रूप से भारतीय चुनाव में ईवीएम का प्रयोग होने लगा।
चुनाव सुधार क्रियाओं के तहत चुनाव प्रचार में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
चुनाव में अपराधिक प्रवृत्ति के लोग शामिल ना हो इसलिये उन पर अपराध सिद्ध हो जाने पर उन्हें किसी भी चुनाव प्रणाली से हमेशा के लिए दूर करने का कानून भी पारित कर दिया गया।
चुनाव सुधार की एक प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल पर प्रतिबंध लगा दिया। चुनाव के दौरान एक विशेष समय अवधि से पहले और बाद में टीवी चैनल पर एग्जिट पोल घोषित नहीं किया जा सकता था।
विदेश में रहने वाले भारत के नागरिकों को भी मतदान का अधिकार करने की सुविधा प्रदान की गई।
इस तरह समय-समय पर चुनाव प्रणाली में सुधार होते रहते हैं। अभी भी भारतीय चुनाव प्रणाली में काफी सुधार की गुंजाइश है।
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