Hindi, asked by laxman8456470, 1 month ago

चंपा को अचरज कब होता है ​

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Answered by bhatiamona
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चंपा को अचरज तब होता है, जब वह काले अक्षरों से यानि चीन्हों से स्वर या ध्वनियां निकलती हुई देखती है।

कवि त्रिलोचन जी द्वारा रचित कविता ‘चंपा काले अक्षर नहीं चीन्हती’ में चंपा एक निरक्षर लड़की है और वह काले काले अक्षरों को नहीं पहचान पाती। इसी कारण कवि जब पढ़ने लगता है और चंपा वहां आ जाती है तो वह कवि को पढ़ते हुए चुपचाप देखती रहती है। उसे तब आश्चर्य होता है जब कवि द्वारा पढ़े जा रहे अक्षरों से कैसे स्वर और ध्वनियां निकलती है।

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