चैप्टर 5 संतोषी सरिता इन हिंदी क्वेश्चन आंसर
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सरिता - Class 5 Hindi Kalrav Chapter 4 Question - Answer
byEditor-5:51 AM
सरिता पाठ Class 5 Hindi Kalrav Chapter 4 के प्रश्नोत्तर आज Mobile sathi - your learning friend में पोस्ट किए जा रहे हैं । सरिता कविता गोपाल सिंह नेपाली जी की बड़ी प्रसिद्ध कविता है । उन्होंने इस कविता का बड़ा ही मार्मिक वर्णन किया है । Class 5 Hindi Kalrav Chapter 4 कविता का भावार्थ, पाठ में कठिन आए शब्द - word meaning, अभ्यास - प्रश्न - Exercise and Question - Answer का समावेश किया गया है । छात्रों में नदी की समझ विकसित हो । इसलिए कुछ creativity भी है । जिसे उनके शिक्षकों की सहायता से पूरा करना है -
Sarita Class 5 Hindi Kalrav Chapter 4 Question Answer
Sarita Lesson Class 5 Hindi Kalrav Chapter 4 full poem
सरिता पाठ 4 कक्षा 5 हिंदी कलरव हिंदी कविता -
यह लघु सरिता का बहता जल
कितना शीतल कितना निर्मल
हिमगिरि के हिम से निकल निकल
यह निर्मल दूध सा हिम का जल
कर-कर निनाद कल-कल छल-छल
तन का चंचल मन का विह्वल
यह लघु सरिता का बहता जल
उँचे शिखरों से उतर-उतर
गिर-गिर, गिरि की चट्टानों पर
कंकड़-कंकड़ पैदल चलकर
दिन भर, रजनी भर, जीवन भर
धोता वसुधा का अन्तस्तल
यह लघु सरिता का बहता जल
हिम के पत्थर वो पिघल पिघल
बन गये धरा का वारि विमल
सुख पाता जिससे पथिक विकल
पी-पी कर अंजलि भर मृदुजल
नित जलकर भी कितना शीतल
यह लघु सरिता का बहता जल
कितना कोमल, कितना वत्सल
रे जननी का वह अन्तस्तल
जिसका यह शीतल करुणा जल
बहता रहता युग-युग अविरल
गंगा, यमुना, सरयू निर्मल
यह लघु सरिता का बहता जल - गोपाल सिंह नेपाली
विमल = स्वच्छ, साफ
निनाद = ध्वनि
विह्वल = व्याकुल
वसुधा = पृथ्वी
रजनी = रात
अन्तस्तल = हृदय
अविरल = निरन्तर, लगातार