Social Sciences, asked by priyasingh6876, 7 months ago

चुपचाप चमकते तारों की,
महफ़िल जब रात सजाती है।
R
ल्य
के विभिन्न
सृजनकर्ता के
करना।
जब चाँद शान से उगता है,
औ' दिशा-दिशा धुल जाती है।
जब ओस रूप में हरी घास,
चमकीले मोती पाती है।
हे जग के सिरजनहार प्रभो !
तब याद तुम्हारी आती है !!​

Answers

Answered by chaudhryvikram19
1

Answer:

beautiful I like your poetry

Answered by rijularoy16
1

Answer:

Marvellous poem! I appreciate it.

PLEASE MARK IT AS BRAINLIEST AND FOLLOW ME.

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