चुपचाप चमकते तारों की,
महफ़िल जब रात सजाती है।
R
ल्य
के विभिन्न
सृजनकर्ता के
करना।
जब चाँद शान से उगता है,
औ' दिशा-दिशा धुल जाती है।
जब ओस रूप में हरी घास,
चमकीले मोती पाती है।
हे जग के सिरजनहार प्रभो !
तब याद तुम्हारी आती है !!
Answers
Answered by
1
Answer:
beautiful I like your poetry
Answered by
1
Answer:
Marvellous poem! I appreciate it.
PLEASE MARK IT AS BRAINLIEST AND FOLLOW ME.
Similar questions