चार ऐसी सजाएँ लिखिए, जो पुल्लिग और स्त्रीलिंग के लिए समान रूप से प्रयोग में lai jati ha
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शब्द व्याकरण‑१ व्या‑२
संकट पुंलिंग ‑
संकलन पुंलिंग पुंलिंग
संकल्प पुंलिंग
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लिंग
संज्ञा शब्द के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वह पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का, उसे लिंग कहते हैं।
‘लिंग’ का अर्थ है- चिह्न।
लिंग संज्ञा का वह लक्षण है जो संज्ञा के पुरुषवाची या स्त्रीवाची होने का बोध कराता है।
लिंग के भेद
हिंदी भाषा में लिंग के दो भेद होते हैं
1. पुल्लिंग
2. स्त्रीलिंग
1. पुल्लिंग – जो शब्द पुरुष जाति का बोध कराते हैं, वे पुल्लिंग कहलाते हैं; जैसे-घोड़ा, हाथी, कुत्ता, आयुष आदि।
2. स्त्रीलिंग – जो शब्द स्त्री जाति का बोध कराते है, वे स्त्रीलिंग है; जैसे-घोड़ी, हथिनी, गायिका, आदि।
लिंग की पहचान
सजीव वस्तुओं के लिंग की पहचान आसान है लेकिन निर्जीव वस्तुओं को व्यवहार और परंपरा के आधार पर स्त्रीलिंग या पुल्लिंग माना जाता है। ऐसे शब्दों का लिंग जानने के लिए उन शब्दों के साथ वाक्यों में जो क्रिया हो रही है या उनमें आए विशेषण शब्दों पर ध्यान दें, तो लिंग की पहचान आसान हो जाती है।
पुल्लिंग शब्दों की पहचान
प्राणीवाचक संज्ञा शब्द स्त्री-पुरुष या नर-मादा दोनों का बोध कराते हैं। कुछ शब्द सदा पुल्लिंग या सदैव स्त्रीलिंग रूप में ही प्रयोग किए जाते हैं।
सदैव पुल्लिंग शब्द
बिच्छू, खरगोश, कौआ, खटमल, तोता, भेड़िया, मच्छर, गैंडा, उल्लू, बाज, चीता, भालू, कछुआ, गीदड़ आदि।
कुछ समुदायवाचक संज्ञाएँ पुल्लिंग होती हैं तो कुछ स्त्रीलिंग, जैसे परिवार, दल, समाज, झुंड, जत्था, वर्ग, लोग, गुलदस्ता, समूह, संघ, कुटुंब आदि।
पर्वत, सागर, देश, पेड़, महीने, धातु, तारे-ग्रह (नक्षत्र), रत्न, शरीर के अंग आदि नाम प्रायः पुल्लिंग में होते हैं।
पर्वतों के नाम – हिमालय, विंध्याचल, आल्प्स , एंडिज आदि।
सागरों के नाम – प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, अरब सागर आदि।
देशों के नाम – अमरीका, इंग्लैंड, भारत, फ्रांस, रूस, चीन, जापान, इटली आदि।
पेड़ों के नाम – चीड़, चिनार, जामुन, बरगद, नीम, पीपल, आम, अमरूद आदि। अपवाद-इमली, नारंगी स्त्रीलिंग।
महीनों के नाम – मार्च, अप्रैल, आषाढ, ज्येष्ठ, कार्तिक, फाल्गुन, चैत्र, बैशाख आदि।
धातुओं के नाम – पीतल, ताँबा, कांस्य, लोहा, सोना आदि। (अपवाद–चाँदी – स्त्रीलिंग)
नक्षत्रों के नाम – बुध, शुक्र, मंगल, चंद्र, सूर्य, पृथ्वी आदि। (अपवाद-स्त्रीलिंग)
रत्नों के नाम – हीरा, पन्ना, मूंगा, पुखराज आदि।
शरीर के अंग – मुँह, हाथ, कान, गला, पैर, पेट, अँगूठा, बाल आदि।
दिनों के नाम – सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार आदि।
कुछ प्राणियों के नाम जैसे – गिलहरी, तितली, दीमक, मक्खी, मैना, छिपकली, चील, कोयल, मकड़ी, लोमड़ी, मछली, जें आदि।
वर्णमाला के कुछ अक्षर जैसे-अ, आ, उ, ऊ, क, ख, ग, घ, त, प, र, हे, आ पुल्लिंग में होते हैं।
स्त्रीलिंग शब्द बनाने का नियम
नदी, भाषा, लिपि, तिथि, बोली, बरतन, आदि के नाम स्त्रीलिंग होते हैं; जैसे
नदियों के नाम – गंगा, सरस्वती, यमुना, कावेरी आदि।
भाषाओं के नाम – हिंदी, संस्कृत, मराठी, गुजराती, तमिल, अंग्रेजी, जर्मन आदि।
लिपियों के नाम – देवनागरी, रोमन, गुरुमुखी आदि।
तिथियों के नाम – पूर्णिमा, एकादशी, अमावस्या आदि।
बोलियों के नाम – देवनागरी, रोमन, गुरुमुखी आदि।
कुछ बरतनों के नाम – कटोरी, थाली, चम्मच, कलछी, छलनी आदि।
शरीर के कुछ अंगों के नाम – गरदन, कमर, जीभ, उँगली, छाती, आँख आदि।
इसके अतिरिक्त जिन शब्दों के अंत में आई, ता, नी, आवट, आहट, ई, री, आस, इया, इमा आदि प्रत्यय जुड़े होते हैं, वे भी स्त्रीलिंग...