चार बजे यकायक श्यामा की नींद खुली। किवाड़ खुल हुए
आई और ऊपर की तरफ ताकने लगी। टोकरी का पता न था। संयोग से
और वह उल्टे पाँव कमरे में जाकर ज़ोर से बोली-भाइया अंडे तो नीचे पेड़
घबराकर उठा और दौड़ा हुआ बाहर आया तो क्या देखता है कि तीनों अ
उनसे कोई चूने की-सी चीज़ बाहर निकल आई है। पानी की प्याली भी
1. श्यामा उल्टे पाँव वापस केशव के पास क्यों गई?
2. नींद खुलने पर श्यामा दौड़ती हुई कहाँ आई?
3. अंडे कहाँ थे?
1. श्यामा ने केशव से क्या कहा?
जब श्यामा की नींद खुली, उसकी दृष्टि कहाँ पड़ी?
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