Political Science, asked by lalitatumram, 7 hours ago

चोरा चोरी आन्दोलन के दो कारण

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Answered by ashishsharma98508
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चोरा चोरी कांड के दो कारण बताईये

Answered by anjaliom1122
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इससे पहले यह पता चलने पर की चौरी-चौरा पुलिस स्टेशन के थानेदार ने मुंडेरा बाज़ार में कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मारा है, गुस्साई भीड़ पुलिस स्टेशन के बाहर जमा हुई थी. इस हिंसा के बाद महात्मा गांधी ने 12 फरवरी 1922 को असहयोग आंदोलन वापल ले लिया था

Explanation:

चौरीचौरा, उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के पास का एक कस्बा है जहां 4 फरवरी 1922 को भारतीयों ने ब्रिटिश सरकार की हिंसक कार्रवाई के बदले में एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी. इससे उसमें छुपे हुए 22 पुलिस कर्मचारी जिन्दा जलकर मर गए थे. इस घटना को इतिहास के पन्नों में चौरी चौरा कांड से के नाम से जाना जाता है. इस कांड का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन पर बड़ा असर पड़ा. इसी कांड के बाद महात्मा गांधी काफी परेशान हो गए थे. इस हिंसक घटना के बाद यहां तक कि उन्होंने अपना असहयोग आंदोलन वापस भी ले लिया था. गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत बताते हैं कि असहयोग आंदोलन उस वक्त जीत की कगार पर पहुंच गया था, लेकिन चौरी चौरा घटना के बाद उसको गांधीजी ने वापस ले लिया क्योंकि उन्हें लगा कि ये भटक रहा है. कई लोग ये भी कहते हैं कि साल 1922 में ये आंदोलन इतना तेज था कि अंग्रेजों पर दबाव पड़ता और हमें तभी आजादी मिल जाती.

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