चोरा चोरी आन्दोलन के दो कारण
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चोरा चोरी कांड के दो कारण बताईये
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इससे पहले यह पता चलने पर की चौरी-चौरा पुलिस स्टेशन के थानेदार ने मुंडेरा बाज़ार में कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मारा है, गुस्साई भीड़ पुलिस स्टेशन के बाहर जमा हुई थी. इस हिंसा के बाद महात्मा गांधी ने फरवरी को असहयोग आंदोलन वापल ले लिया था
Explanation:
चौरीचौरा, उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के पास का एक कस्बा है जहां फरवरी को भारतीयों ने ब्रिटिश सरकार की हिंसक कार्रवाई के बदले में एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी. इससे उसमें छुपे हुए पुलिस कर्मचारी जिन्दा जलकर मर गए थे. इस घटना को इतिहास के पन्नों में चौरी चौरा कांड से के नाम से जाना जाता है. इस कांड का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन पर बड़ा असर पड़ा. इसी कांड के बाद महात्मा गांधी काफी परेशान हो गए थे. इस हिंसक घटना के बाद यहां तक कि उन्होंने अपना असहयोग आंदोलन वापस भी ले लिया था. गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत बताते हैं कि असहयोग आंदोलन उस वक्त जीत की कगार पर पहुंच गया था, लेकिन चौरी चौरा घटना के बाद उसको गांधीजी ने वापस ले लिया क्योंकि उन्हें लगा कि ये भटक रहा है. कई लोग ये भी कहते हैं कि साल में ये आंदोलन इतना तेज था कि अंग्रेजों पर दबाव पड़ता और हमें तभी आजादी मिल जाती.