Hindi, asked by akshayaswetha20, 9 months ago

चारू चंद्र की चंचल किरणे खेल रही हैं जल थल में |​

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Answered by banibandanagmailcom
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Answer:

बंद नहीं, अब भी चलते हैं, नियति-नटी के कार्य-कलाप, पर कितने एकान्त भाव से, कितने शांत और चुपचाप! है बिखेर देती वसुंधरा, मोती, सबके सोने पर, रवि बटोर लेता है उनको, सदा सवेरा होने पर।

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