चोरी की बान में हौ जू प्रवीने।”
(क) उपर्युक्त पंक्ति कौन, किससे कह रहा है?
(ख) इस कथन की पृष्ठभूमि स्पष्ट कीजिए।
(ग) इस उपालंभ (शिकायत) के पीछे कौन-सी पौराणिक कथा है?
Answers
Answered by
6
Answer:
परन्तु श्रीकृष्ण सुदामा पर दोषारोपण करते हुए इसे चोरी कहते हैं और कहते हैं कि चोरी में तो तुम पहले से ही निपुण हो। (ग) इस उपालंभ के पीछे एक पौरोणिक कथा है। ... सुदामा श्रीकृष्ण को बिना बताए चोरी से चने खा लेते हैं। उसी चोरी की तुलना करते हुए श्रीकृष्ण सुदामा को दोष देते हैं।
Answered by
6
Answer:
क
यहाँ श्रीकृष्ण अपने बालसखा सुदामा से कह रहे हैं
ख
जब श्रीकृष्ण कौ सुदामा अपनी पत्नी द्वारा भेजी गई चावलों की पोटली नहीं देते तै। उन्होंने कहा कि तुम चोरी करने में कुशल हो।
ग
बचपन में जब कृष्ण और सुदामा की गुरुमाता उन्हें खाने के लिए चने दिया करती थीं तो सुदामा छुपाकर सारे के सारे चने चट कर जाते थे। इसलिए कृष्ण उनसे कहते हैं कि वे चोरी की कला में तो बचपन से माहिर हैं।
Hope it may be helpful
Similar questions