"चोरी की बान में हो जू प्रवीने" पंक्ति का भावार्थ लिखिए |
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उत्तर – प्रस्तुत दोहे में यह कहा गया है कि श्रीकृष्ण ने अपने बालसखा सुदामा के आगमन पर उनके पैरों को धोने के लिए परात में पानी मंगवाया परन्तु सुदामा की दुर्दशा देखकर उनको इतना कष्ट हुआ कि आँसुओं से ही सुदामा के पैर धुल गए। अर्थात् परात में लाया गया जल व्यर्थ हो गया। प्रश्न 3 – “चोरी की बान में हौ जू प्रवीने।”
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