चारों कारीगर राजा के लिए काम कर रहे थे। एक रजाई बना रहा था। दूसरा अचकन के लिए सूत कात रहा था। तीसरा बागा बुन रहा था। चौथा राजा की सातवीं रानी की दसवीं संतान के लिए झब्बे सिल रहा था। उन चारों ने राजा तक काम रोककर गवरइया का काम क्यों किया?
Answers
Answered by
16
उत्तर :
चारों कारीगरों ने राजा का काम छोड़कर गवरइया का काम इसलिए किया क्योंकि गवरइया उन्हें उनकी मेहनत का उचित दाम दे रही थी। दूसरी तरफ राजा रोज उनसे बिना मजदूरी दिए काम करवाता था। वह उन्हें न तो तनख्वाह देता था और न ही कोई मेहनताना। वह सिर्फ उनका शोषण करता था जबकि गवरइया ने बिना कहे सभी को आधा हिस्सा दे दिया इसलिए सभी कारीगरों ने खुश होकर गवरइया का काम बड़ी सजगता एवं कुशलता के साथ पूरा किया।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
चारों कारीगरों ने राजा का काम छोड़कर गवरइया का काम इसलिए किया क्योंकि गवरइया उन्हें उनकी मेहनत का उचित दाम दे रही थी। दूसरी तरफ राजा रोज उनसे बिना मजदूरी दिए काम करवाता था। वह उन्हें न तो तनख्वाह देता था और न ही कोई मेहनताना। वह सिर्फ उनका शोषण करता था जबकि गवरइया ने बिना कहे सभी को आधा हिस्सा दे दिया इसलिए सभी कारीगरों ने खुश होकर गवरइया का काम बड़ी सजगता एवं कुशलता के साथ पूरा किया।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
Answered by
5
गवरइया और गवरा के बीच आदमी के वस्त्र पहनने को लेकर बहस हुई। गवरइया वस्त्र पहनने के पक्ष में थी तथा गवरा विपक्ष में था। गवरइया को आदमी द्वारा रंग-बिरंगे कपड़ेपहनना अच्छा लग रहा था जबकि गवरा का कहना था कि कपड़ा पहन लेने के बाद आदमी और बदसूरत लगने लगता है। कपड़े पहन लेने के बाद आदमी की कुदरती ख़ूबसूरतीढँक जाती है। उसी बहस के दौरान गवरइया ने अपनी टोपी पहनने की इच्छा को व्यक्त किया। उसकी इच्छा तब पूरी हुई जब एक दिन घूरे पर चुगते-चुगते उसे रुई का एक फाहामिल गया।
Similar questions