चोर की दाढ़ी में तिनका कहावत कैसे शुरू हुई?
Answers
कहावतें कैसे शुरू हुईं ये कहना मुश्किल है। कुछ लोग किसी प्रसंग या कहानी को आधार बनाकर इसकी रचना करते हैं, तो कुछ इसको आधार बनाकर ही कहानी बना देते हैं।
Answer:
कहानी कुछ इस प्रकार है-
बादशाह अकबर की अंगूठी गुम हो गई| बादशाह ने बहुत तलाश की किंतु अंगूठी नहीं मिली| उन्होंने इस बात का जिक्र बीरबल से किया तो उसने पूछा - "हुजूर, आपको याद है, आपने अंगूठी कब उतारी थी?"
"कल सुबह शौच जाने से पहले उतारकर अलमारी में रखी थी, वापस आने पर नहीं मिली|"
"तब तो यह तय है कि अंगूठी गुम नहीं हुई है बल्कि चोरी हुई है... और यह काम इस कमरे की साफ-सफाई करने वाले सेवकों का ही है|"
बादशाह ने सभी सेवकों को बुला लिया| कुल पांच सेवक थे और पांचों ही हाजिर थे| और पांचों की दाढ़ी थी।
बीरबल ने कहा - "बादशाह सलामत की अंगूठी चोरी हो गई है और उनका कहना है कि वह उस अलमारी में रखी थी| अत: मुझे अलमारी से ही पूछना पड़ेगा कि वास्तविक चोर कौन है?"
बीरबल अलमारी के पास गया और कान लगाकर कुछ सुनने का प्रयत्न करने लगा| फिर ऐसा स्वांग किया कि मानो अलमारी ने सबकुछ बता दिया है| मुस्कराकर बोला - "अलमारी ने सब बता दिया है... चोर मुझसे बच नहीं सकता क्योंकि चोर की दाढ़ी में तिनका है|"
बीरबल की बात सुनकर उन पांचों में से सबकी नजरें बचाकर एक ने अपनी दाढ़ी पर हाथ फेरा, मानो तिनका ढूंढ़ने की कोशिश कर रहा हो| बीरबल की नजरें उन पांचों पर ही थीं, बीरबल ने तुरन्त उसको गिरफ्तार करने का आदेश दिया, जिसने अपनी दाढ़ी पर हाथ फेरा था|
बीरबल द्वारा सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया|
बादशाह अकबर अपनी अंगूठी वापस पाकर बेहद खुश हुए|
और इस प्रकार वह कहावत बन गई-
"चोर की दाढ़ी में तिनका"
Explanation:
I hope you all like my answer and it is useful for you.