चोर की दाढ़ी में तिनका पर कहानी लिखें सीमा शब्द 150
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बादशाह अकबर बीरबल से अक्सर अजीब सवाल तो पूछते ही थे, एक दिन उन्होंने बीरबल को छकाने की एक तरकीब भी खोज निकाली। उन्होंने अपनी बेशकीमती अंगूठी छिपाकर एक मंत्री को दे दी और यह बात किसी को न बताने को कहा। जब बीरबल आए तो बादशाह ने कहा, 'आज हमारी अंगूठी खो गई है। सुबह तो वह हमारे पास ही थी। मुंह धोते वक्त मैंने उतार कर रख दी और जब लौटा तो देखा कि अंगूठी गायब है।' बीरबल चुपचाप सुनते रहे। बादशाह ने आगे कहा: मुझे यकीन है कि यह काम महल के ही किसी शख्स का है। बाहरी आदमी ऐसी हिम्मत नहीं कर सकता। बीरबल, तुम ज्योतिषशास्त्र बखूबी जानते हो इसलिए चोर का पता लगाओ। बीरबल ने बादशाह से उस जगह का पता पूछा, जहां उन्होंने अंगूठी रखी थी। बादशाह अकबर ने एक अलमारी की ओर इशारा किया। बीरबल ने उस अलमारी के पास जाकर उससे कान लगाकर कुछ देर बाद हटा लेने का नाटक किया। देखने से लगा कि जैसे वह कोई बात सुनने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ देर बाद बीरबल ने बादशाह की तरफ देखकर कहा, 'अलमारी साफ बताती है कि जिसके पास अंगूठी है, उसकी दाढ़ी में तिनका है।' बीरबल की बात जब पास बैठे मंत्री (जिन्हें बादशाह ने अंगूठी दी थी) ने सुनी तो वह घबराकर अपनी दाढ़ी टटोलने लगे। बीरबल पहले से ही चौकन्ने थे। मंत्री की हरकत उनसे छिपी न रह सकी। बीरबल ने फौरन मंत्री की ओर इशारा कर कहा, 'जहांपनाह, आपकी अंगूठी इन्होंने ही चुराई है।' चूंकि बादशाह पहले से यह बात जानते थे, इसलिए उन्होंने मंत्री को माफ करने का नाटक किया। साथ ही, बीरबल की चतुराई पर उन्हें शाबासी भी दी।
एक बार की बात है, बादशाह अकबर की सबसे प्यारी अंगूठी अचानक गुम हो गई थी। बहुत ढूंढने पर भी वह नहीं मिली। इस कारण बादशाह अकबर चिंतित हो जाते हैं और इस बात का जिक्र बीरबल से करते हैं। इस पर बीरबल, महाराजा अकबर से पूछते हैं, ‘महाराज, आपने अंगूठी कब उतारी थी और उसे कहां रखा था।’ बादशाह अकबर कहते हैं, ‘मैंने नहाने से पहले अपनी अंगूठी को अलमारी में रखा था और जब वापस आया, तो अंगूठी अलमारी में नहीं थी।’
फिर बीरबल, अकबर से कहते हैं, ‘तब तो अंगूठी गुम नहीं चोरी हुई है और यह सब महल में साफ-सफाई करने वाले किसी कर्मचारी ने ही किया होगा।’ यह सुनकर बादशाह ने सभी सेवकों को हाजिर होने को कहा। उनके कमरे में साफ-सफाई करने के लिए कुछ 5 कर्मचारी तैनात थे और पांचों हाजिर हो गए।
सेवकों के हाजिर होने के बाद बीरबल ने उन सभी को कहा, ‘महाराज की अंगूठी चोरी हो गई है, जो अलमारी में रखी थी। अगर आप में से किसी ने उठाई है, तो बता दे, वरना मुझे अलमारी से ही पूछना पड़ेगा।’ फिर बीरबल अलमारी के पास जाकर कुछ फुसफुसाने लगे। इसके बाद मुस्कुराते हुए पांचों सेवकों से कहा, ‘चोर मुझसे बच नहीं सकता है, क्योंकि चोर की दाढ़ी में तिनका है।’ यह बात सुनकर उन पांचों में से एक ने सबसे नजर बचाकर दाढ़ी में हाथ फेरा जैसे कि वह तिनका निकालने की कोशिश कर रहा हो। इसी बीच बीरबल की नजर उस पर पड़ गई और सिपाहियों को तुरंत चोर को गिरफ्तार करने का आदेश दिया।जब बादशाह अकबर ने उससे सख्ती से पूछा, तो उसने अपना गुनाह काबुल कर लिया और बादशाह की अंगूठी वापस कर दी। बादशाह अकबर अपनी अंगूठी पाकर बेहद प्रसन्न हुए।
चोर की दाढ़ी में तिनका कहानी से सीख
इस कहानी से यह सीख मिलती है कि ताकत की जगह दिमाग का इस्तेमाल करने से हर समस्या का हल मिल सकता है।
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