चोरी और प्रायश्चित निबंध की विशेषताएँ लिखिए
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Answer:
गाँठ में पैसे तो थे नहीं, इसलिए काकाजी पीने के बाद बीड़ी के जो ठूँठ फैंक देके , हमने उन्हें चुराना शुरू किया। पर बीड़ी के ये ठूँठ हर समय निल नहीं सकते थे , औऱ उनमें से बहुत धुआँ भी नहीं निकलता था। इसलिए नौकर की जेब में पड़े दो-चार पैसों में से हम ने एकाध पैसा चुराने की आदत डाली और हम बीड़ी खरीदने लगे।
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Concept:
चोरी और प्रायश्चित' निबंध गाँधी जी द्वारा लिखित महत्वपूर्ण सार हैं| जीवन में घटित घटनाओं का भले ही लघु रूप है किन्तु इन घटनाओं ने उनके भविष्य की दिशा को भी प्रशस्त किया है।
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चोरी और प्रायश्चित निबंध की विशेषताएँ लिखिए
Given:
चोरी और प्रायश्चित
Explanation:
चोरी और प्रायश्चित निबंध की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
1. यदि मनुष्य दुर्गुणों का शिकार हो जाए तो उसका मानसिक पतन होने लगता है।
2. चोरी करने की लत मानसिक दुर्बलता का जनक बनने लगती है। अपनी इच्छाओं की पूर्णता के लिए सही-गलत अथवा उचित अनुचित का अन्तर भी गौण हो जाता है।
3. गाँधी जी ने अपने संस्मरणात्मक निबंध में उन तथ्यों का उल्लेख
किया है जिसमें वे क्षणिक सुख के लोभ में फँस गये किन्तु उसकी पूर्ति की लालसा उन्हें आत्महत्या जैसे जघन्य विचारों की ओर ले गयी। इस प्रकार उनकी विवेक शक्ति भी क्षीण होने लगी थी।
4.किन्हीं मानसिक अस्वस्थता के कारण यदि मनुष्य गलत मार्ग में चलने लगे और उसका विवेक जागृत हो जावे तो फिर प्रायश्चित एक श्रेष्ठ आचरण है। प्रायश्चित करने की भावना उतनी ही पवित्र मानी जाती है जितनी गंगाजल क्योंकि इसी भाव से प्रेरित होकर मन व हृदय पवित्र कर्म करने को प्रेरित होने लगते हैं।
5. इस निबंध की एक विशेषता यह भी है कि इससे व्यक्ति के मन में प्रायश्चित की भावना जागृत होने पर वह साहसपूर्वक अपने अपराधों का न केवल क्षमाप्रार्थी हो जाता है अपितु अपराध-स्वीकृति की स्थिति उसे किसी भी संघर्ष का सामना करने को प्रेरित करता है।
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