चीर सजग आंखें उनींदी आज कैसा व्यस्त बाना!
जाग तुझको दूर जाना!
अचल हिमगिरी के हृदय में आज चाहे कंप हो ले,
या प्रलय के आंसुओं में मौन अलसित व्योम रोले;
आज पी आलोक को डोले तिमिर की घोर छाया,
जागकर विद्युत शिखाओ में निठूर तूफान बोले! .
पर तुझे है नाश-पथ पर चिन्ह अपने छोड़ आना!
जाग तुझको दूर जाना!
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jeiw you have to do I can do i
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