Hindi, asked by nbais2297, 11 months ago

चढ़ रही थी धूप गरर्मियों का दिन का भावार्थ

Answers

Answered by dipanshukumar48192
2

means that

Explanation:

garmiyon Ke Din Mein dhup hamare sar ke upper rahta hai or hum sabhi garmiyon se rahat pane ke liye hum sab apne apne ghar par ya bagiche me jyada time waste karte hai

Please understand

Answered by mithu456
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उत्तर:
इस पंक्तियों की तुलना लेखक ने चढ़ रही थी धूप गरर्मियों का दिन पत्थर तोड़नेवाली नारी से कि है वह इतनी गर्मी पसीना टपकाती अपने कार्य में मग्न है। उसकी विवशता पर कवि का मन दुखी होता है किन्तु उस नारी के धैर्य तथा कार्य में लगन देखकर उसके प्रति सम्मान बड़ जाता है। विपरीत परिस्थितियों में भी वह अपना कार्य लगन से कर रही थी।
व्याख्या:किसी रास्ते पर उस महिला को पत्थर तोड़ते हुए देखते है। वह एक ऐसे पेड़ के नीचे बैठी है, जहा छाया नहीं मिल रही आस पास भी कोई छायादार जगह नहीं हैं। इस प्रकार कवि शोषित समाज की विषमता का वर्णन करते है। ओर बताते है की मजदूर वर्ग अपना काम पूरी लग्न के साथ करते है।
निष्कर्ष:मजदूर वर्ग की दयनीय दशा को उभारने वाली एक मार्मिक कविता है। कवि कहता है कि उसने इलाहाबाद के मार्ग पर एक मजदूरनी को पत्थर तोड़ते देखा। वह जिस पेड़ के नीचे बैठकर पत्थर तोड़ रही थी वह छायादार भी नहीं था, फिर भी विवशतावश वह वहीं बैठे पत्थर तोड़ रही थी।


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