Art, asked by bhosaleo152, 1 month ago

चिंता चेतना की चींता जलाती है इस पर अपना मत लिखिए​

Answers

Answered by harsh199086
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उत्तर:-

चिंता चेतना की चींता जलाती है इस का यह तात्पर्य है कि चिंता के कारण मनुष्य अपनी चेतना को खो देता है, उसकी बुद्धि कुंद हो जाती है क्योंकि चिंता के कारण वह चिंतन करना छोड़ देता है, और चिंतन का अभाव उसकी चेतना के लिए चिता के समान बन जाता है

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