Hindi, asked by priyanshupatel6065, 7 months ago

चित जहाँ भय शुन्य कविता का भाव लिखिए ​

Answers

Answered by vineshkharat143
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Answer:

चिंत जहां भाय विहिन कविता के भाव सौंदर्य पर प्रकाश डालिए

Answered by barmansuraj489
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Concept:

कविता वाक्यों का एक लिखित या बोला जाने वाला संग्रह है जो घटनाओं, विचारों या भावनाओं को इस तरह से व्यक्त करता है जो सामान्य भाषण या पाठ की तुलना में अधिक केंद्रित, आविष्कारशील और शक्तिशाली होता है। कुछ कविताएँ मीटर में होती हैं, जबकि अन्य मुक्त छंद में लिखी जाती हैं।

Given:

हमें एक कविता दी गई है चित जहाँ भय शुन्य |

Find:

हमें का आंतरिक अर्थ बताना होगा चित जहाँ भय शुन्य कविता क| |

Solution:

भारत की आत्मा और सपनों के भारत का इससे बेहतरीन वर्णन शायद ही किसी और ने किया हो। आज देश जिस असमंजस की स्थिति में डोल रहा है, उसे थामने के लिए ये पंक्तियां सही राह दिखा सकती हैं। रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने यह कविता गुलामी के दौर में लिखी थी। तब दिल-दिमाग में बैठे डर का कारण बाहरी शासक थे। लेकिन पिछले पांच सालों में प्रत्यक्ष और परोक्ष डर का माहौल बनाकर न केवल विरोधियों, बल्कि संवैधानिक संस्थाओं, न्यायपालिका, शैक्षणिक संस्थाओं, सरकारी-गैर सरकारी संगठन, मीडिया, कलाकार, खिलाड़ी, व्यापारी हर किसी पर दबाव बनाने की जो कोशिशें की गई हैं, उसमें ऐसा लगता है कि आज भी ये पंक्तियां उतनी ही प्रासंगिक हैं।

जनता को इनका पाठ और इस पर विचार जरूर करना चाहिए। लेकिन उससे पहले भारत के निर्वाचन आयोग को ये पंक्तियां कंठस्थ कर लेनी चाहिए, ताकि उसे नीर-क्षीर विवेक से फैसले लेने में मदद मिले। आम चुनाव को बार-बार लोकतंत्र का महापर्व कहा जा रहा है, लेकिन इस अनुष्ठान में सब कुछ पवित्र ही है, ऐसा नजर नहींआ रहा। कम से कम जिस अंदाज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को क्लीन चिट पर क्लीन चिट आयोग दे रहा है, उससे यही साबित होता है। या तो चुनाव आयोग को आचार संहिता फिर से लिखनी चाहिए, या जो नियम हैं, उनके आधार पर ही फैसले लेना चाहिए। यह शायद पहली बार है कि देश के प्रधानमंत्री पर बार-बार आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लग रहा है।

इसलिए हमने चित जहाँ भय शुन्य कविता के भाव लिखे हैं और यह हमारा अंतिम उत्तर है |

#SPJ3

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