Hindi, asked by nbarudgar20, 8 months ago

चींटी और राजा की कहानी​

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Answered by sakshi193452
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Explanation:

एक बार एक राजा के राज्य पर किसी दुसरे देश के राजा ने आक्रमण कर दिया जिसमें राजा को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा. राजा का सारा साम्राज्य दुसरे देश के राजा के पास चला गया. राजा अपनी बची हुई सेना को लेकर जंगलों में चला गया और वही पर अपनी सेना के साथ रहने लगा. राजा अपने साम्राज्य को पाने के लिए अपनी सेना को तैयार करने लगा और कुछ समय बाद राजा ने दुसरे राजा पर हमला कर दिया. पर राजा को एक बार फिर हार का मुंह देखना पड़ा. राजा ने एक के बाद एक कई आक्रमण किये पर वह सफल नहीं हो सका. राजा पूरी तरह निराश हो चूका था. राजा यह मान बैठा था कि उसे उसका साम्राज्य वापस कभी नहीं मिलेगा. एक दिन राजा एक पेड़ के नीचे बैठा आराम कर रहा था. पास ही दुसरे पेड़ पर राजा ने एक चींटी को देखा जो अपने से 50 गुना अधिक भार लिये पेड़ पर चढ़ रही थी. राजा ने देखा चींटी जैसे ही बाकी चींटियो के झुण्ड के पास आती वो गिर पड़ती. चींटी बार-बार पेड़ पर चढ़ने का प्रयास करती पर वो सफल नहीं हो पाती. अंत में वह पेड़ पर चढ़ने में कामयाब हो ही गयी और बाकी चींटियों के समूह तक जा पहुंची. राजा बड़ी ही एकाग्रता के साथ यह सब देख रहा था. राजा ने सोचा जब एक चींटी अपने से ज्यादा भारी वजन लेकर बार बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मान सकती तो मैं कैसे हिम्मत हार सकता हूँ. राजा ने पुरे जोश के साथ एक बार फिर दुसरे राजा पर आक्रमण किया और उसे सफलता भी मिली. राजा को उसका खोया हुआ सम्मान और साम्राज्य मिल चूका था.

मित्रों हम भी कभी-कभी ऐसा ही करते हैं. जब हमें किसी काम में एक या दो बार के प्रयास से सफलता नहीं मिलती हैं तो हम हिम्मत हार बैठते हैं और पूरी तरह निराश हो जाते है, जबकि सफलता हमसे थोड़ी ही दूर होती हैं. मित्रों आपका एक और प्रयास आपको सफलता तक पहुंचा सकता हैं.

Answered by sbkeshavdas
12

Answer:

Explanation:

चींटी का संघर्ष

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Chinti ka Sangharsh

एक बार एक राजा के राज्य पर किसी दुसरे देश के राजा ने आक्रमण कर दिया जिसमें राजा को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा. राजा का सारा साम्राज्य दुसरे देश के राजा के पास चला गया. राजा अपनी बची हुई सेना को लेकर जंगलों में चला गया और वही पर अपनी सेना के साथ रहने लगा. राजा अपने साम्राज्य को पाने के लिए अपनी सेना को तैयार करने लगा और कुछ समय बाद राजा ने दुसरे राजा पर हमला कर दिया. पर राजा को एक बार फिर हार का मुंह देखना पड़ा. राजा ने एक के बाद एक कई आक्रमण किये पर वह सफल नहीं हो सका. राजा पूरी तरह निराश हो चूका था. राजा यह मान बैठा था कि उसे उसका साम्राज्य वापस कभी नहीं मिलेगा. एक दिन राजा एक पेड़ के नीचे बैठा आराम कर रहा था. पास ही दुसरे पेड़ पर राजा ने एक चींटी को देखा जो अपने से 50 गुना अधिक भार लिये पेड़ पर चढ़ रही थी. राजा ने देखा चींटी जैसे ही बाकी चींटियो के झुण्ड के पास आती वो गिर पड़ती. चींटी बार-बार पेड़ पर चढ़ने का प्रयास करती पर वो सफल नहीं हो पाती. अंत में वह पेड़ पर चढ़ने में कामयाब हो ही गयी और बाकी चींटियों के समूह तक जा पहुंची. राजा बड़ी ही एकाग्रता के साथ यह सब देख रहा था. राजा ने सोचा जब एक चींटी अपने से ज्यादा भारी वजन लेकर बार बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मान सकती तो मैं कैसे हिम्मत हार सकता हूँ. राजा ने पुरे जोश के साथ एक बार फिर दुसरे राजा पर आक्रमण किया और उसे सफलता भी मिली. राजा को उसका खोया हुआ सम्मान और साम्राज्य मिल चूका था.

मित्रों हम भी कभी-कभी ऐसा ही करते हैं. जब हमें किसी काम में एक या दो बार के प्रयास से सफलता नहीं मिलती हैं तो हम हिम्मत हार बैठते हैं और पूरी तरह निराश हो जाते है, जबकि सफलता हमसे थोड़ी ही दूर होती हैं. मित्रों आपका एक और प्रयास आपको सफलता तक पहुंचा सकता हैं.

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