Hindi, asked by sahil416910, 5 months ago

चित्र में विषय में दिए गए सिंक-पॉइंट्स के आधार पर लगभग 80-100 शब्द

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Answered by meghanasharma842
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  1. कोरोना का संक्रमण

क्या कोरोना संक्रमित व्यक्ति के पास आने से बीमारी लग सकती है?

अगर आप किसी ग्रॉसरी स्टोर में जाते हैं जिसके मालिक को कोरोना का संक्रमण हो चुका है. इस स्थिति में आपको भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है. विशेषज्ञ कहते हैं कि कोरोना का संक्रमण उसके द्वारा दिए गए पैसे रखने या आपके द्वारा दिए गए कार्ड को स्वैप करने के बाद लौटाने की वजह से भी हो सकता है.

कैसे फ़ैल सकता है कोरोना?

कोरोना के संक्रमण फैलने की चार वजह हो सकती है. आप संक्रमित व्यक्ति के पास कितनी देर रहे? आप उसके कितने पास गए? क्या उस व्यक्ति के छींकने या खांसने की वजह से आपको छींटे पड़े? आपने अपने चेहरे को कितनी बार छुआ? आपके उम्र और स्वास्थ्य की वजह से भी कोरोना के संक्रमण का असर पड़ता है.

छींकने या खांसने से क्या होता है?

अगर कोरोना से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उस प्रक्रिया में उसके मुंह या नाक से कुछ बूंदें गिरती हैं, इनसे कोरोना का संक्रमण हो सकता है. एक प्रोफेसर ने कहा कि कोरोना का वायरस इन बूंदों की मदद से दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकता है.

क्या आप कोरोना प्रभावित व्यक्ति की पहचान कर सकते हैं?

आप कोरोना से संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर लें, यह जरूरी नहीं है, कोरोना से संक्रमण के लक्षण आम सर्दी-जुकाम की तरह ही होते हैं. कोविड 19 की पहचान लैब में जांच के बाद ही की जा सकती है.

क्या कोरोना वायरस का संक्रमण टच स्क्रीन या बस स्टॉप पर लगे खंभे से भी फ़ैल सकता है?

ऐसा हो सकता है. हांग कांग के एक बौद्ध मंदिर में पहुंचे लोगों में एक-दूसरे व्यक्ति को कोरोना का संक्रमण कुछ इसी तरह हुआ है. इस मन्दिर से लिए गए सैंपल के अनुसार बाथरूम के नल और किताब पर ढंके कपड़े में भी कोरोना वायरस के सबूत मिले हैं.

कोरोना का वायरस कहीं भी पहुंच सकता है, जब तक इसकी राह में कोई बाधा नहीं आये. जब हम छींकते हैं या खांसते हैं तो हमारे मुंह से कुछ बूंदें गिरती हैं. अगर इनकी राह में कुछ नहीं आये तो ये सीधे जमीन पर पहुंच सकती हैं.

कोरोना का वायरस आपके शरीर में तभी पहुंच सकता है जब यह आपके आंख, नाक या मुंह में पहुंचे. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के संक्रमण की प्रमुख वजह खांसना या छींकना ही है. किसी व्यक्ति के बहुत करीब जाकर बात करने या साथ खाना खाने से भी कोरोना का वायरस फ़ैल सकता है.

एक विशेषज्ञ ने कहा, "अगर आप किसी व्यक्ति के इतने करीब हैं कि उनके मुंह से आपको लहसुन या अदरक की खुशबू आ रही है तो किसी संक्रमित व्यक्ति से आपके शरीर में भी कोरोना का वायरस पहुंच सकता है." विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता ने कहा, "किसी बीमार व्यक्ति से कम से कम तीन फीट की दूरी पर रहना ठीक है।

2. बचाव के उपाय

कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए:

बार-बार हाथ धोएं. हाथ धोने के लिए, साबुन और पानी या एल्कोहल वाला हैंड रब इस्तेमाल करें.

अगर कोई खांस या छींक रहा है, तो उससे उचित दूरी बनाए रखें.

शारीरिक दूरी बनाना संभव न हो, तो मास्क लगाएं.

आंखें, नाक या मुंह को न छुएं.

खांसने या छींकने पर नाक और मुंह को कोहनी या टिश्यू पेपर से ढक लें.

अगर आप ठीक नहीं महसूस कर रहे हैं, तो घर पर रहें.

अगर आपको बुखार, खांसी है और सांस लेने में परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर के पास जाएं.

आपको स्वस्थ्य सेवा देने वाली संस्था से पहले ही संपर्क कर लें, ताकि वह आपको बता दे कि इलाज के लिए कहां जाना चाहिए. यह आपको बचाता है और वायरस और अन्य संक्रमणों को फैलने से रोकता है.

3. लोकडाउन सकारात्मक प्रभाव

कोरोना वायरस के कारण आज पूरे देश में लॉकडाउन है। सभी लोग अपने-अपने घरों में बंद हैं और वैसे भी इस समय देश की जो स्थिति है, वह चिंता का एक विषय बनी हुई है। इसके बाद दिन-रात सिर्फ कोरोना की खबरें देखकर मन-मस्तिष्क में एक डर व्याप्त हो गया है। हम दिन-रात सिर्फ कोरोना-कोरोना के बारे में सुनते हैं और यह हमारे मन में कहीं-न-कहीं एक नकारात्मकता को पैदा कर रही है।

लेकिन इस वायरस से हमें डरना या इसके संबध में जो जानकारी मिल रही है, उससे हमारे मन में नकारात्मकता को व्याप्त नहीं होने देना चाहिए। ऐसे समय में खुद को सकारात्मक रखना बहुत जरूरी है। यह बात जरूर सोचिए कि हर एक बुरी परिस्थिति कुछ अच्छा लेकर जरूर आती है। कोरोना एक बुरा दौर है, लेकिन इस समय को अगर हम सकारात्मक पक्ष से सोचें तो क्या कभी आपने ऐसा सोचा था कि आप इतना समय अपने परिवार को दे पाएंगे?

उस दिनचर्या में जब आप सिर्फ भाग रहे थे। न अपनों के लिए समय, न खुद के लिए। लेकिन आज आप अपनों के साथ एक बहुत अच्छा समय बिता रहे हैं, खुद की देखभाल कर रहे हैं, अपनों की देखभाल कर रहे हैं, तो बस इस दौर से परेशान होकर खुद को नकारात्मकता की ओर न ले जाएं। बस, इस बात का ध्यान रखें कि बुरा समय भी अपने साथ कुछ अच्छा ही लेकर आता है।

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