Biology, asked by Anonymous, 6 months ago

चित्रगुप्त ने धरती पर फैले किस व्यापार के बारे में धर्मराज को बताया? धर्मराज की उसपर क्या प्रतिक्रिया थी?​

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Answered by shristidubey001
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चित्रगुप्त एक प्रमुख हिन्दू भगवान हैं। वेदों और पुराणों के अनुसार धर्मराज श्री चित्रगुप्त जी अपने दरबार में मनुष्यों के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा करके न्याय करने वाले बताए गये हैं।[1][2] आधुनिक विज्ञान ने यह सिद्ध किया है कि हमारे मन में जो भी विचार आते हैं वे सभी चित्रों के रुप में होते हैं। भगवान चित्रगुप्त इन सभी विचारों के चित्रों को गुप्त रूप से संचित करके रखते हैं अंत समय में ये सभी चित्र दृष्टिपटल पर रखे जाते हैं एवं इन्हीं के आधार पर जीवों के पारलोक व पुनर्जन्म का निर्णय सृष्टि के "प्रथम न्यायाधीश" भगवान चित्रगुप्त करते हैं। विज्ञान ने यह भी सिद्ध किया है कि मृत्यु के पश्चात जीव का मस्तिष्क कुछ समय कार्य करता है और इस दौरान जीवन में घटित प्रत्येक घटना के चित्र मस्तिष्क में चलते रहते हैं । इसे ही हजारों बर्षों पूर्व हमारे वेदों में लिखा गया हैंं। जिस प्रकार शनि देव सृष्टि के प्रथम दण्डाधिकारी हैं भगवान चित्रगुप्त सृष्टि के प्रथम न्यायाधीश हैं उन्हें न्याय का देवता माना जाता है। मनुष्यों की मृत्यु के पश्चात, पृथ्वी पर उनके द्वारा किए गये कार्यों के आधार पर उनके लिए स्वर्ग या नरक का निर्णय लेने का अधिकार चित्रगुप्त के पास है। अर्थात किस को स्वर्ग मिलेगा और कौन नर्क मेंं जाएगा? इस बात का निर्धारण भगवान धर्मराज चित्रगुप्त जी द्वारा ही किया जाता है। भगवान चित्रगुप्त जी भारत[आर्यावर्त] के कायस्थ कुल चित्रवंश के जनक देवता हैं। मान्यताओं के अनुसार कायस्थों को चित्रगुप्त का वंशज बताया जाता हैंं।

Answered by Anonymous
1

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