Hindi, asked by swetasingh0414, 5 months ago

चाट रहे जूठी पत्तल वे कभी सड़क पर खड़े हुए,
और झपट लेने को उनसे कुत्ते भी हैं अड़े हुए।
ठहरी, अहो मेरे हृदय में है अमृत, मैं सींच दूंगा।
अभिमन्यु जैसे हो सकोगे तुम
,
तुम्हारे दुःख में अपने हृदय में खींच लूँगा। meaning

Answers

Answered by pratyush15899
18

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प्रस्तुत कविता में कवि ने भिक्षुक की दयनीय दशा का वर्णन करते हुए सामाजिक वर्ग-भेद की ओर संकेत किया है। कवि उस व्यवस्था को कोस रहे हैं जिसमें किसी भी सामाजिक को भीख माँगने जैसा घृणित व अपमानजनक कार्य करना पड़ता है।

Answered by madiha1231
0

Answer:

चाट रहे जूठी पत्तल वे सभी सड़क पर खड़े हुए, और झपट लेने को उनसे कुत्ते भी हैं अड़े हुए! तुम्हारे दुख मैं अपने हृदय में खींच लूँगा। भावार्थ- कवि वर्णन करता है कि उस भिखारी के साथ दो बच्चे भी है, जो सदा ही भिक्षा पाने के लिए हाथ फैलाये रहते है।

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