चित्रकार जो ना तो भारतीय और ना ही मूर्तिकार ही है
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देवी प्रसाद रायचैधरी की रुचि मूर्तिकला में ही नहीं बल्कि चित्रकला में भी थी। दक्षिण भारत में आधुनिक कला के सूत्राधार के रूप उन्हें मान्यता प्राप्त हुई। वे न तो भारतीय पुराख्यानों को अन्तिम मानकर कार्य करते थे, और ना ही यूरोपीय तकनीकी में उनका विष्वास था।
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