Hindi, asked by sanjayguptasg382707, 10 months ago

चिंता तौ हरि नाँव की, और न चिन्ता दास।
जे कुछ चितवै राम बिन, सोइ काल की पास।।5।।​

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Answered by harshit8185
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iska answer kya dena hai .Thik se likho.

Answered by ac7398074
0

Answer:

ये एक दोहा है कबीर के

यह कबीर जी ने लिखा है

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